Page #1
--------------------------------------------------------------------------
________________
SUCCESS
mission
positiveness
target
सफल होना है तो ...
एक ही तीर काफी है
Bh5o
For
& Private
Only
Page #2
--------------------------------------------------------------------------
________________
For Personal & Private Use Only
Page #3
--------------------------------------------------------------------------
________________
For Personal & Private Use Only
Page #4
--------------------------------------------------------------------------
________________
Jain Ede
positiveness
mission
target
SUCCES
S
सही निशाने के लिए तीर एक ही काफी है अगर सही जगह लगे तो
बेहतर सोच + बेहतर कार्यशैली = सफलता
सफल होना है तो ...
श्री चन्द्रप्रभ
org
Page #5
--------------------------------------------------------------------------
________________
सफल होना है तो...
श्री चन्द्रप्रभ
प्रकाशन वर्ष : फरवरी 2010
प्रकाशक : श्री जितयशा फाउंडेशन बी-7 अनुकम्पा द्वितीय, एम.आई.रोड, जयपुर (राज.) आशीष : गणिवर श्री महिमाप्रभ सागर जी म. मुद्रकः बेस्ट ऑफसेट, जोधपुर
मल्य: 25/
For Personal & Private Use Only
Page #6
--------------------------------------------------------------------------
________________
PLAY
छलांग भी | लगानी पड़ती है.।
STOP
महान जीवन-द्रष्टा पूज्य श्री चन्द्रप्रभ की लोकप्रिय पुस्तक 'सफल होना है तो...' जहाँ युवापीढ़ी को नया विश्वास और नई दिशा प्रदान करती है, वहीं बुजुर्गों की बूढी हो चुकी चेतना को फिर से ऊर्जावान बनाने की अलख जगाती है। यह एक ऐसी किताब है जो यह बताती है कि सही निशाने के लिए एक ही तीर काफी है, अगर वह सही जगह लगे तो। मामला चाहे केरियर-निर्माण का हो या व्यक्तित्व-विकास का, पारिवारिक परिवेश का हो या व्यापारिक, यह पुस्तक आपको आपके हर क्षेत्र में सूरज की रोशनी प्रदान करती है।
इस पुस्तक का हर पन्ना ही नहीं, वरन् हर पंक्ति आपको आपके जीवन की ऊर्जा और उजास देती है । पुस्तक का हर शब्द उतना ही कीमती है जितना कि आपके लिए आपका केरियर-निर्माण । श्री चन्द्रप्रभ की यह प्रेरणा आपके भीतर एक नई चेतना जगा सकती है कि काम करने वालों के लिए काम कभी खत्म नहीं होता
the way of success
For Personal & Private Use Only
Page #7
--------------------------------------------------------------------------
________________
बल्कि उनके लिए हर रोज़ एक नया काम तैयार रहता है । संसार में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसके द्वार पर भाग्योदय का अवसर उपस्थित न होता हो, पर जो उसका स्वागत करने को हर समय तत्पर नहीं रहते हैं, उनके घर से वह उल्टे पैर लौट जाया करता है।
__बुद्धिमान व्यक्ति अवसर की इंतज़ारी नहीं करता, वरन् अपने लिए नए अवसर पैदा भी कर लेता है । आप हैलीकॉप्टर से शिखर पर चढ़ने के सपने बाद में देखिएगा, पहले उस ओर बढ़ने का कदम तो उठा ही लीजिए।
यह पुस्तक आपके लिए किसी जादुई चिराग से कम नहीं है । यह आपको दिखाती है आपके जीने का महान लक्ष्य, बताती है जीने का सही सकारात्मक रास्ता, बनाती है साधारण सोच से ऊपर उठाकर असाधारण सोच का मालिक, जगाती है नपुंसक हो चुकी चेतना में आत्मविश्वास की अलख ।
श्री चन्द्रप्रभ आपको इशारा कर रहे हैं : सूरज उग रहा है, फूल खिल रहे हैं, चिड़ियाएँ चहचहा रही हैं, आप भी अपने बिस्तर से बाहर निकलिए और कर्तव्य-कर्म के लिए फिर से जुट जाइए । रात जितनी घुटन भरी थी, सुबह उतनी ही सुनहरा है।
the way of success
For Personal & Private Use Only
Page #8
--------------------------------------------------------------------------
________________
अंदर क्या है...
9-11
12-14
ani ni tv o r o o 9 = sin
जिंदगी की पाठशाला बातें जीवन की, जीने की जीना इसी का नाम है स्वयं को बनाइए ऊर्जावान अहंकार को समझिए फुटबॉल तीसरी आँख खोलिए हर पल मुस्कुराइए कैसा हो हमारा व्यवहार बदलिए जीने का अंदाज़ व्यक्तित्व निखारने के अनमोल उपाय लाइफ़ मैनेजमेंट के गुर लक्ष्य बनाएँ, पुरुषार्थ जगाएँ कामयाबी की कुंजी सफल होना है तो... सफलता का शॉर्टकट सफलता के दस कदम बच्चों का सुख बड़ों के हाथ
15-17 18-20 21-23 24-26 27-29 30-32 33-36 37-39 40-42 43-45 46-48 49-52 53-56 57-59 60-62
17.
For Personal & Private Use Only
Page #9
--------------------------------------------------------------------------
________________
18. बस, हाथ बढाएँ 19. सेहत के ग्यारह मंत्र 20. कैसे जीएँ परिवार में 21. घर को बनाइये तपोवन
घर आया मेहमान भगवान के समान 23. प्रेम ही प्रार्थना 24. साधना के सोलह सुझाव 25. ध्यान के बुनियादी सूत्र 26. शांत रहिए, अधिकतम मुस्कुराइए 27. कैसे करें, नववर्ष में प्रवेश
63-66 67-69 70-72 73-75 76-78 79-81
82-85
86-88 89-92
93-96
don't worry
he happy
For Personal & Private Use Only
.
Page #10
--------------------------------------------------------------------------
________________
(ज़िन्दगी की पाठशाला)
सोचते मत रहिए.
आज को इस तरह जिएँ कि वह कल के लिए यादगार बन जाए। बड़े काम की तलाश करते रहने की बजाय छोटा काम ही सही, शुरू कर दीजिए। समाधान के लिए प्रयत्न कीजिए, वरना आप स्वयं ही समस्या बन जाएँगे। स्वयं को सदा इस ढंग से पेश कीजिए कि उससे जयादा अच्छे तरीके से पेश कर पाना आपके लिए सम्भव न हो। उस समय विशेष शांत रहिए, जब कोई अपना गुस्सा आप पर निकालने लगे। हम अपने कर्मचारी के साथ इतने धैर्य और शांति से पेश आएँ कि वह अपने कर्त्तव्य के लिए सहज प्रेरित रहे।
शुरू
कीजिए
For Personal & Private Use Only
Page #11
--------------------------------------------------------------------------
________________
'सलाह वही दीजिए, जो हितकारी हो । अपना स्वार्थ साथ में रखकर किसी को सलाह देने का अपराध मत कीजिए । जितने लोगों को आप साथ लेकर चलेंगे, आपकी शक्ति उतनी ही बढ़ेगी ।
नम्रता को अपने जीवन की पोशाक बनाइए । यह गुलाबी होठों की तरह सुन्दर लगेगी।
^ किसी पर झल्लाने की बजाय उसे काम करने की तहजीब सिखाएँ ।
^ अपने आपको स्वयं व्यवस्थित कीजिए, वरना आपको दूसरों की व्यवस्थाओं पर चलना पड़ेगा ।
• आप बेसहारों का सहारा बनिए, आपको सहारा अपने आप मिल जाएगा।
संतोष का अर्थ यह नहीं है कि अब आप कुछ न करें, वरन् यह है कि जो आपको मिला है, पहले उसे खुशी से जी लें।
For Personal & Private Use Only
10
Page #12
--------------------------------------------------------------------------
________________
82328000000
00
SURE
ARREARRI
NA
ARRIERRACHARSH
~ एक समय में एक ही काम कीजिए, ताकि वह पूरी एकाग्रता से सम्पन्न हो सके। हर सुबह की शुरुआत प्रसन्न मन के साथ कीजिए।
आपका पूरा दिन उत्साह और ऊर्जा से भरा रहेगा। » चरित्र को अपने जीवन की ज्योति बनाइए। सूर्यास्त हो जाने पर जब सब चीजें ओझल हो जाती हैं तो एकमात्र चरित्र ही अपनी चमक बिखेरता है। - भगवान की भक्ति पर, आत्मा की शक्ति पर और अपने शुद्ध आचरण पर विश्वास रखिए, पर स्वार्थी की प्रशंसा पर, ज्योतिषी की भविष्यवाणी पर और धूर्त व्यक्ति के आचरण पर विश्वास न करना ही श्रेष्ठ है। अकेला चना भाड़ नहीं भूज सकता। आप जितने लोगों को अपने साथ लेकर चलेंगे, आपकी शक्ति उतनी ही बढ़ेगी। » याद रखिए ज़िंदगी है तो ख़्वाब है, ख़्वाब है तो मुश्किलें हैं, मुश्किलें हैं तो रास्ते हैं, रास्ते हैं तो हौंसला है, हौंसला है तो विश्वास है, विश्वास है तो मंजिल है, क्योंकि आत्मविश्वास ही हमेशा जीतता है।
googOEMS
For Personal & Private Use Only
Page #13
--------------------------------------------------------------------------
________________
बातें जीवन की, जीने की
हर समय इतने व्यस्त रहिए कि चिंता करने की फुर्सत ही न मिले। आप प्रसन्न रहेंगे, तो आप अपने लोगों को भी प्रसन्न करने में कामयाब हो जाएंगे।
सीखिए
हम अपने कर्मचारी के साथ भी इतने धैर्य और शान्ति से पेश आएँ
और कि वह अपने कर्त्तव्य के लिए
सहज प्रेरित रहे।
सिखाइए
उस समय विशेष शांति रहिए, जब कोई अपना गुस्सा आप पर निकालने लगे ।
जब भी बोलें, धीमें और धैर्य से बोलें, आपकी वाणी औरों के दिलों में प्यार और जिज्ञासा का झरना बहाएगी।
ग़लती सबसे होती है और गुस्सा सबको आता है, फिर बुरा मानने की बजाय क्यों न शांति और
For Personal & Private Use Only
modi34
12
Page #14
--------------------------------------------------------------------------
________________
सुधार की किरण तलाशी जाए।
मन में दूषित विचार की लहर उठते ही उसकी दिशा बदल दीजिए वरना भीतर की दिव्यता और पवित्रता खंडित हो जाएगी।
स्वर्ग के रास्ते पर क़दम बढ़ाने के लिए अपना स्वभाव अच्छा बनाइये। गंदे स्वभाव से देवता तो क्या, आपके पड़ौसी भी नफ़रत करते हैं ।
ईश्वर का अनुग्रह पाने के लिए निष्पाप रहिए और निष्पाप होने के लिए सरलता को सीढ़ी बना लीजिए ।
• किसी पर झल्लाने की बजाय उसे काम करने की तहज़ीब सिखाएँ। डाँटना तभी चाहिए जब कोई एक ही गलती को तीन बार दोहरा बैठे।
चिंता और उत्तेजना की आग का त्याग कीजिए । आखिर किसी भी जलती डाल पर शांति की चिड़िया नहीं बैठा करती ।
D
For Personal & Private Use Only
13
94220
Page #15
--------------------------------------------------------------------------
________________
अवसाद से बचने की सर्वेश्रेष्ठ औषधि है प्रसन्न रहिए । '
भाई-भाई के बीच मनमुटाव और स्वार्थ भावना का त्याग कीजिए, नहीं तो आपका घर नरक बन जाएगा । भाई के प्रति प्रेम और त्याग की भावना अपनाइए, घर का स्वर्ग सुरक्षित रहेगा।
कृपया धीरज रखिए। आपका सिर माचिस की तीली नहीं है कि छोटी-सी रगड़ लगे और देखते ही देखते आग बबूला हो उठे।
'हर समय
• सात दिन के लिए अपने चिड़चिड़ेपन का त्याग कीजिए और फिर देखिये कि आपका आदर पहले से कितना
बढ़ा है।
याद रखिए
――
कर्म तेरे अच्छे हैं तो किस्मत तेरी दासी । नीयत तेरी साफ है तो घर में मथुरा - काशी ॥
For Personal & Private Use Only
14
Page #16
--------------------------------------------------------------------------
________________
जीना इसी का नाम है
इंसान का जीवन छह तार वाले गिटार की तरह है। ज़रा सोचिए कि शरीर, मन, आत्मा, घर, व्यापार और समाज में से ऐसा कौन-सा तार है, जिसे आप अब तक नज़र अन्दाज़ कर रहे थे। सारे तारों को साधिए और उनमें संतुलन बैठाइए, आप सफलता के संगीत का पूरा आनन्द ले सकेंगे।
पल-पल
लीजिए जीवन
का
आनंद
ज़रा कल्पना कीजिए कि आप मर रहे हैं और परिवार के तमाम लोग आपके इर्द-गिर्द ही खड़े हैं। सोचिए कि आपके मरने के बाद क्या आपकी माँ को आपकी कमी खलेगी? क्या आपकी पत्नी कहेगी कि मेरी दस ग़लतियों के बावज़ूद वे मुझसे प्यार करते थे? क्या आपके बच्चे कह सकेंगे कि उनके पिता महान थे अथवा आपके कर्मचारी यह बतियाया करेंगे कि उनके मालिक ने सदा उनकी ओर मदद का हाथ बढ़ाया ?
15
For Personal & Private Use Only
Page #17
--------------------------------------------------------------------------
________________
peerence
38-2000-500RRROA0000000000002
8249983860951ARAKHNAAKANKatyay
/ 9
T RARAMGARNERani
1508
A जीवन को प्रेम, सम्मान और मधुरता से भरिए। जिनसे
आप प्यार करते हैं उनकी देखभाल कीजिए, उन्हें सम्मान दीजिए और उनके प्रति रहने वाली जिम्मेदारी को निभाइए। संबंध व्यक्ति से जोड़िए, व्यक्ति के स्तर से नहीं। स्तर का ग्राफ कभी ऊपर चढ़ सकता है तो कभी नीचे लुढ़क सकता है। स्तर से संबंध जोड़ने वाले अवसरवादी होते हैं। आप अवसरवादी बनकर स्वार्थ मत साधिए वरन मित्र बनकर सुख-दुख और मान-अपमान के हर लम्हे में कंधे से कंधा मिलाइए। हमेशा मुस्कुराता हुआ चेहरा रखिए। फोटोग्राफर को यह कहने का मौका ही मत दीजिए - 'स्माइल प्लीज़।' भगवान ने इंसान के भाग्य में ऐसा कोई दिन लिखा ही नहीं है जिसमें ख़ुशी के दो पल न हों। सख्त चेहरा चट्टान की तरह होता है और मुस्कुराता चेहरा गुलाब की तरह। आप खुद ही निर्णय कीजिए कि आप गुलाब होना चाहते हैं या चट्टान ? तय है औरों को ख़ुशियाँ वही बाँट सकेगा जो स्वयं खुशमिजाज़ रहेगा।
200336403005ASANAMRAPRA
0338900AME
Coomupastotr328
ARRIORSalcocodonethodoorimportant
Pape WARE
Me
For Personal & Private Use Only
Page #18
--------------------------------------------------------------------------
________________
100%AMMAR
अपने जीने के तरीके को सही-सकारात्मक बनाइए। जीने का ग़लत तरीक़ा है : ग़लत सोच > ग़लत नज़रिया > ग़लत वाणी > ग़लत व्यवहार > ग़लत आदत > ग़लत नियति = हिंसा, स्वार्थ और तनाव। जीने का सही तरीक़ा है : सही सोच > सही नज़रिया > सही वाणी > सही व्यवहार > सही
आदत > सही नियति = प्रेम, शान्ति और सम्मान। • अपने आप से पूछिए कि क्या आपने कभी अपनी
अन्तरात्मा की आवाज़ सुनी है? यदि नहीं तो अपने अन्तरमन से मुलाक़ात कीजिए। धैर्य और शान्ति धारण कीजिए, आपको भीतर से किसी शान्त संगीत की तरह आत्मा की प्रेरणाएँ प्राप्त होती हुई नज़र आएंगी। . . अपने बेटे की भुजा पर एक ताबीज़ बांधिए और कहिए इसे तब खोलना जब तुम ज़िन्दगी में किसी बड़ी मुसीबत से घिर जाओ। ताबीज़ में मंत्र लिखिएगा : 'बेटा धीरज रख। यह वक्त भी बीत जाएगा।' ओह, जब मुआफ़िक हालात बदल जाते हैं तो मुख़ालिफ़ हालात कौनसे चिरस्थायी रहेंगे।
13020040343486004808002040988280300988800030800064055
Men
2000
For Personal & Private Use Only
Page #19
--------------------------------------------------------------------------
________________
स्वयं को बनाइये ऊर्जावान
सफलता एक यात्रा है मंज़िल नहीं
जीवन स्वयं एक दौलत है। यदि आप जीवन का सदा सफल और सार्थक उपयोग करते हैं तो आप निश्चय ही अमीर हैं। आलस्य और अकर्मण्यता तो वे यमदूत हैं, जो व्यक्ति के हाथों में सदा ही दुःख और दरिद्रता की दुर्भाग्य-रेखा खींचते रहते हैं। आप दुर्भाग्य से दूर रहने का फैसला कीजिए और स्वयं को सदा उत्साह,
उमंग और ऊर्जा से भरा हुआ रखिए। *दुनिया के सबसे सफल और महान
लोग भी अपने आपको व्यस्त और मेहनतकश रखते हैं। भला, जब आपके पास जिंदगी का कोई ऊंचा मकसद या सपना है तो याद रखिए कि आपको अभी काफी मेहनत करने की आवश्यकता है। हममें से हर किसी के पास शक्ति, क्षमता और प्रतिभा का अतुल भंडार है। यदि हम अपनी 25% क्षमता का भी उत्साहपूर्वक उपयोग कर लें तो हम सफलता के रास्ते पर बढ़ सकते
RARRANG
EMIN30SMARCIRRITASHROORK
For Personal & Private Use Only
Page #20
--------------------------------------------------------------------------
________________
हैं। 50% शक्ति का उपयोग करने वाले सफलता और समृद्धि के कई पडाव पार कर सकते हैं, पर शत-प्रतिशत क्षमता का उपयोग करने वाले औरों के लिए भी सफलता का आदर्श बन सकते हैं। अपने समय, श्रम और शक्ति - तीनों को व्यवस्थित कीजिए। बाधाओं का जंगल कितना भी बीहड़ क्यों न हो, आत्मविश्वास की लाठी के सहारे उसे पार किया ही जा सकता है। स्वयं को साहसी बनाइये। पहला साहस कीजिए कोशिश करने का, दूसरा साहस कीजिए संकल्प करने का और तीसरा साहस कीजिए जोखिम उठाने का। यदि आप जोख़िम उठाने का साहस नहीं कर सकते तो आपको पुराने ढर्रे की जिंदगी जीने के लिए मजबूर रहना पड़ेगा। जो भी काम करें, पूरे दिल से कीजिए। यहाँ तक कि घर आए मेहमान को पानी भी पूरी तबियत से पिलाइये। आपके व्यवहार से स्पष्ट हो जाना चाहिए कि आप घर के मालिक हैं, नौकर नहीं।
For Personal & Private Use Only
Page #21
--------------------------------------------------------------------------
________________
मूल्यांकन उन फसलों का मत कीजिए जिन्हें आपने काटा है। उन बीजों का कीजिए जिन्हें आपने बोया है। अच्छी फसलों को पाने के लिए अच्छे बीजों का चयन आवश्यक है ।
अपनी तुलना उनसे मत कीजिए जो आपसे चार क़दम आगे बढ़ चुके हैं नहीं तो ईर्ष्या और असंतोष होगा । तुलना उनसे कीजिए जो आपसे चार क़दम पीछे हैं, आपको सुखी, सफल और संतुष्ट होने का अहसास मिलता रहेगा ।
कोई भी व्यक्ति दुःखी तभी तक रहता है, जब तक वह अपनी हार का ग़म पालता रहता है, पर जिस दिन हम किसी पंगु को पहाड़ पर चढ़ते देख लेते हैं, हममें विश्वास की नई शक्ति जागृत हो जाती है
अपने आपको कुछ बनाना है तो पहले व्यर्थ की बातों और फ़ालतू कामों से अपनी ऊर्जा बचाएँ। जो फ़ालतू होते हैं वे गलियों में रखड़ते फिरते हैं वहीं जो पालतू होते हैं वे घर की शोभा और मुसीबत में मददगार साबित होते हैं।
सफलता कोई मंज़िल नहीं, एक सफर है । इसकी संभावना तब भी बनी रहती है जब तक आपके तन में एक पल की भी सांस है ।
For Personal & Private Use Only
20
2009
Page #22
--------------------------------------------------------------------------
________________
अहंकार को समझिए फुटबॉल
ove068600000556
ईगो
प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए व्यवहार में विनम्रता अपनाइए और बोली में मधुरता। विनम्रता दूध का काम करेगी तो मधुरता शरबत
का। २ नम्रता को जीवन में जीने के लिए
तीन मंत्र अपनाइए : 1. कड़वी बात का मिठास से जवाब दीजिए, 2. क्रोध आने पर चुप रहिए और 3. अपराधी को दंड देते समय भी मानवीय कोमलता अवश्य रखिए। इस नसीहत को सदा याद रखिए : कम खाइए, ग़म खाइए और नम जाइए। नगीने आख़िर उसी सोने में ही लगा करते हैं जो नम्र होता है। झुकता वही है जिसमें कुछ जान है, अकड़पन तो मुर्दे की पहचान है। अधिक दानों वाले पौधे ज़्यादा झुकते हैं, भूसे वाले अकड़े हुए खड़े रहते हैं। हम उस वृक्ष की
को करें
गो
rocccccc
For Personal & Private Use Only
Page #23
--------------------------------------------------------------------------
________________
तरह बनें जो जैसे-जैसे फलों से लदता है नमता चला जाता है। उस काठ की तरह न बनें जो टूट तो सकता है, पर नम नहीं सकता। मित्रों को नमस्कार करने की आदत डालिए और अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने की। अभिवादन के बदले अभिवादन मिलता है और प्रणाम के बदले आशीर्वाद। बड़ों के आशीर्वाद यदि जीवन का धन है तो सोचिए कि आप अब तक यह धन कितना बटोर पाए हैं। नमस्कार अहंकार का समाधान है। रावण यदि अहंकार का प्रतीक है तो राम नम्रता के । जीवन में यदि लघुता
और नम्रता रखेंगे तो यह कहावत स्वतः आप पर चरितार्थ हो जाएगी : लघुता से प्रभुता मिले, प्रभुता से प्रभु दूर;
कीड़ी शक्कर ले चली, हाथी के सिर धूर। .. अहंकार को सोडावाटर की शीशी की गोली समझिए जो
दूसरों की विशेषताओं को आपके अंदर नहीं जाने देती और आपकी विशेषताओं को अंदर से बाहर नहीं आने देती।
3300003300000000000000000000000000000000000RRBARDA00060RROR8280
MEROINNARRORAINRNDos
Son220002050
22
For Personal & Private Use Only
Page #24
--------------------------------------------------------------------------
________________
• अहंकार में हम फूल तो सकते हैं, पर फैल नहीं सकते।
अहंकारी तो फुटबाल की गेंद की तरह होता है जिसमें हवा भर जाने पर लोगों के पाँवों के जूते ही खाती है। जीवन में अहंकार किस बात का? आसमान को देखो तो सोचो कि हम आसमान से ऊपर नहीं उठ सकते और ज़मीन को देखो तो सोचो कि घमंड किस बात का, आख़िर सबको इसी मिट्टी में पलीत होना है। आख़िर सबकी नाव समुद्र में है, न जाने किस क्षण क्या हो जाए? • यह व्यर्थ का ग़रूर है कि मुर्गो समझता है कि उसने
अंडा देकर किसी नक्षत्र को जन्म दिया है और बैलगाड़ी के नीचे चलने वाला कुत्ता समझता है कि उसी के कारण गाड़ी चल रही है। भाई, जीवन में झुकना सीखिए, हमारी तो औकात ही क्या है बड़े-बड़े महल खंडहर हुए हैं और बड़े-बड़े राजा-महाराजा
चला-चली के खेल के हिस्से बने हैं। • स्वयं को सरल बनाइए, विनम्र और मधुर बनाइए। जो
लकड़ी सीधी होती है वह राष्ट्रध्वज को लहराने का गौरव प्राप्त करती है। टेढ़ी-मेढ़ी लकड़ियाँ तो मात्र चूल्हे में ही जलाई जाती हैं।
2015
wap
For Personal & Private Use Only
Page #25
--------------------------------------------------------------------------
________________
तीसरी आँख खोलिए
दीप চালাই विवेक क्रा
२, दुनिया में मूर्ख और मृतक दो लोग
ऐसे होते हैं जो अपनी मानसिकता को नहीं बदल सकते। आप समझदार हैं, अपने पुराने ख्यालात और विरोधों का त्याग कीजिए और अपनी ओर से सार्थक पहल करते हुए अपने घर-परिवेश को
शांतिमय और स्वर्गमय बनाइए। है, किसी के द्वारा की गई छोटी-सी
अवहेलना के कारण स्वयं को इतना उद्वेलित मत कीजिए कि आपके द्वारा तीखी टिप्पणियाँ होने लग जाए। निमित्तों का विपरीत होना नैसर्गिक है, पर स्वयं को विपरीत बना बैठना स्वयं की पराजय है। यदि आपको लगता है कि आप सत्य हैं, और सामने वाला दोषी, तब भी दूसरों के दोष निकालने की बजाय स्वयं को मौन
और निरपेक्ष कर लेना अधिक बेहतर है।
For Personal & Private Use Only
Page #26
--------------------------------------------------------------------------
________________
दूसरों पर टिप्पणी करने से आप उन्हें आघात पहुँचाते हैं। उनकी नज़रों में चढ़ने की बजाय आप उल्टे गिरते हैं और संबंधों में खटास डाल बैठते हैं
I
किसी को अपमानित करने की बजाय यदि आप विनम्रतापूर्वक पेश आते हैं तो निश्चय ही आप सत्य, शांति और विवेक के अधिक निकट होते हैं। क्यों न हम स्वयं को उस गौ माता की तरह बना लें जो सूखी घास खाकर भी बदले में मीठा दूध लौटाती है।
विनम्रता से विवेक का जन्म होता है और विवेक से सत्य का । सत्य में प्रभु का निवास है और प्रभुता वहीं है जहाँ जीवन में विवेक और विनम्रता है।
विवेक को अपने जीवन की तीसरी आँख समझिए । इसका तब भी उपयोग कीजिए जब दोनों आँखें बन्द हों। विवेक को अपना शिक्षक और गुरु बनाइए । मन में आए जो बोलना या करना केवल निरंकुशता की निशानी है । कार्य को विवेकपूर्वक सम्पादित करना ही जीवन की सफल पूंजी है।
For Personal & Private Use Only
25
Page #27
--------------------------------------------------------------------------
________________
-
ईर्ष्या, क्रोध और चिंता – ये तीनों ही विवेक के शत्रु हैं। सम्मान, शांति और संतोष – ये तीनों विवेक के मित्र हैं। सबको सम्मान दीजिए, दूसरों के लिए भी शांति के निमित्त बनिए और भगवत् कृपा से जो कुछ मिला है उसका संतोषपूर्वक आनंद लीजिए ।
I
विवेक हमारे ज्ञान का निष्कर्ष है । यह शांति का द्वार और मुक्ति का आधार है। विवेक स्वयं धर्म है और यही जीवन को प्रकाशित करने वाला चिराग़ भी है ।
विवेक का अर्थ है- शांति से सोचिए, शांति से कहिए और शांति से ही कीजिए । सच यह है कि विवेक का जन्म शांति की कोख से ही हुआ करता है, उद्वेग या आक्रोश के आंचल से नहीं ।
हम विवेकपूर्वक खाँए-पिएँ, बोलें- लिखें, ओढ़ें- पहनें और विवेकपूर्वक ही सेवा - साधना - भक्ति - दान- तप करें। विवेक की रोशनी को यदि हम हर हालत में अपने साथ रखते हैं तो निश्चय ही हम पूनम के चाँद की तरह सुख, शांति और माधुर्य के मालिक बन सकते हैं ।
For Personal & Private Use Only
26
Page #28
--------------------------------------------------------------------------
________________
हर पल मुस्कुराइए
1000000000000000000000000000000
जिएँ
हर पल मुस्कुराइये। हर दिन, हर कार्य की शुरु आत मुस्कान से कीजिए। किसी भी कार्य का सकारात्मक परिणाम पाने के लिए मुस्कान गणपति की पूजा के
समान है। | मुस्कान में कृष्ण का माधुर्य है
और राम की मर्यादा भी, महावीर का मौन भी है और मीरा के यूँघरू भी। सदाबहार मुस्कान का आनंद लेना परम प्रभु की ही पूजा और आराधना है। मुस्कान जीवन के आनंद की आत्मा है। इसी मुस्कान के बल पर राम वनवास का कष्ट झेलने में भी सफल हो गए थे। अगर आप प्रत्येक परिस्थिति में शांत, प्रसन्न और मुस्कुराते हैं तो निश्चय ही आप बुद्ध हैं और वहीं अगर आप बात-बेबात में उदिग्न
ता
ऐसे
जिएँ
38.MARREARTIS२080378
cayo
For Personal & Private Use Only
Page #29
--------------------------------------------------------------------------
________________
और उदास हो जाते हैं, तो सचमुच आप बुद्ध हैं। भला, जब बुद्धत्व का दरवाजा खुला है, तो बुद्धूपन के शिकार क्यों हों? जीवन में जहाँ दस तरह के दुःख हैं। वहीं दस तरह के सुख भी हैं। विपरीत निमित्तों को पाकर स्वयं को संत्रस्त करने की बजाय नीला आकाश, उड़ती चिड़िया, खिले हुए फूल और चहचहाती गोरैया पर ध्यान दीजिए। वे आपको सुख और आनंद का नया सुकून दे जाएंगे। चेहरा देना कुदरत का काम है, पर उसे सुन्दर भाव देना आपके हाथ में है। आप अपने दिलो-दिमाग में सदा मुस्कान के फूल खिलाते रहें, आपकी खुश्बु औरों के दिलों पर राज करेगी। हाथ में खींची भाग्यरेखा में सीधा उलट-फेर तो नहीं किया जा सकता, पर हर हाल में मुस्कुराने की मानसिकता विकसित कर ली जाए तो दुर्भाग्य की अंगुली में भी सौभाग्य की अंगुठी पहनाई जा सकती है।
Som
200200
5000-2000000000000000000000000000000000000002005000080925250806425000
For Personal & Private Use Only
Page #30
--------------------------------------------------------------------------
________________
हर सुबह बीस मिनट ध्यान में बैठिए और श्वसन - क्रिया का अनुभव करते हुए अधिक से अधिक मुस्कुराइये । साँस लें तब भी मुस्कुराइये और साँस छोड़ें तब भी मुस्कराइएं ।
मुस्कान का ध्यान कीजिए और इस तरह तनाव, विषाद और हीन-भाव से अनायास मुक्त हो जाइए।
ज़रा हम अपनी हालत पर गौर करें । जीवन स्वयं एक उत्सव है। हम इसे शिकवा - शिकायतों का शमशान न बनाएँ। जीवन के हर पल और हर साँस को मुस्कान का माधुर्य देते रहें जिससे अस्तित्व सूखा बाँस नहीं, सुख की बाँसुरी बने, जो देती रहे हमें शांति और आनंद का संगीत ।
अपने आप से पूछिए - खुशी चाहिए या नाखुशी ? अन्तरात्मा जो ज़वाब दे, उसे बटोरने के लिए पल भर की भी देर मत कीजिए। इसी समय मुस्कुराना शुरू कर दीजिये और चिंतामुक्त हो जाइये ।
For Personal & Private Use Only
29
Page #31
--------------------------------------------------------------------------
________________
कैसा हो हमारा व्यवहार
मिठास से बोलिए যতা চালিয়ে
* कुशल व्यवहार आपके जीवन का
आईना है। इसका आप जितना अधिक इस्तेमाल करेंगे आपकी चमक उतनी ही बढ़ जाएगी। * सबको प्रेम और सम्मान दीजिए। यह आपकी ओर से दिये जाने वाले महंगे जोधपुरी सूट और बनारसी साड़ी से अधिक प्रभावी और बेशकीमती है। विनम्रता को ग्लीसरीन की तरह अपनाइए ताकि फटे हुए संबंधों की त्वचा फिर से स्वस्थ, सुन्दर और
सुकोमल हो सके। * चुप भी रहिए और बोलिए भी। बोलना अगर चांदी है तो मौन रहना सोना है। मछली अगर मुँह बंद रखना सीख जाए तो वह मुसीबत में फँसने से बच सकती है। * भाषा इज़्ज़त की बोलिए। हर शब्द
30
For Personal & Private Use Only
Page #32
--------------------------------------------------------------------------
________________
हीरे-मोती की तरह है। पहले मिठास और मर्यादा की तराजू पर तोलिए, फिर बोलिए ; अन्यथा जीभ तो बोलकर अंदर
चली जाएगी, जूते बेचारे सिर को खाने पड़ेंगे। * उदासी को जीतिए, नहीं तो आप संसार के सुंदर उपवन में चिंता, तनाव और अवसाद के कांटों से भरे हुए बबूल भर बनकर रह जाएँगे। समय का मूल्य पहचानिए। सार्थक कामों में खर्च कियागया समय तिजोरी में सुरक्षित हो जाता है, वहीं बातों और गप्पों में हाँका गया समय कूड़ेदान में चला जाता है। * जीवन में बाधाओं से मत घबराइए। आखिर दुनिया में ऐसा कोई गुलाब नहीं है जो बगैर कांटों का हो। जीवन को फूलों
की तरह सजाइए और खुशबू से सदा महकते रहिए। * हमेशा आधा गिलास भरा हुआ देखिए, आप भारी-से-भारी
वातावरण से भी मुक्त होने में सफल हो जाएँगे।
selessRIRAMADARAS00003
31
For Personal & Private Use Only
Page #33
--------------------------------------------------------------------------
________________
* क्रोध और झल्लाहट से बचिए, क्योंकि क्रोध में हम वह सब कुछ कहने और करने लग जाते हैं, जिसे हम स्वयं सामान्य परिस्थिति में बुरा समझते हैं ।
धीरज रखिए और लड़ाई-झगड़े से बचिए । सूअर से लड़कर अगर आप जीत भी गए, तब भी कपड़े तो आपके ही ख़राब होंगे ।
老 सदा प्रसन्न रहिए। यह वह परफ्यूम है जिसकी ख़ुश्बू दूसरों तक पहुँचाने के लिए पहले इसे अपने पर छिड़किए ।
* एक घंटे की ख़ुशी के लिए झपकी लीजिए, एक दिन की ख़ुशी के लिए पिकनिक मनाइए, एक सप्ताह की ख़ुशी
के लिए हिल स्टेशन पर छुट्टियाँ मनाइए, एक महिने की ख़ुशी के लिए विवाह कीजिए और एक वर्ष की ख़ुशी के लिए किसी अमीर आदमी के गोद चले जाइए, पर जीवनभर की ख़ुशी के लिए हर हाल में मस्त रहने की आदत डालिए ।
* ध्यान रखिए यदि आपकी चूहेदानी दूसरों से बेहतर है तो आप भले ही जंगल में भी क्यों न हों, आपके पास चूहे अपने आप ही चले आएँगे ।
For Personal & Private Use Only
32
Page #34
--------------------------------------------------------------------------
________________
बदलिए, जीने का अंदाज़)
। हर साल नववर्ष लगता है और हर 1 तारीख़ को नया महीना। यदि आप बीते साल और माह की तरह ही इस वर्ष और महीने को भी निरर्थक और लक्ष्यहीन बिताते हैं तो इसका मतलब है आप दीमक लगी पुरानी पोथी हैं, पर यदि आप कुछ नया संकल्प और प्रयत्न जगाते हैं तो आपका यह वर्ष और माह आपके लिए सुकून और शुभ फल देने वाला साबित होगा। | विचार करें, क्या आपने पहले भी कभी नये दिवस पर कोई महान् संकल्प लिया था? यदि हाँ, तो सोचिए कि आप उसे कितना प्रतिशत पूरा कर पाए? कोई भी 100 बटा 100 नहीं होता, पर यदि हम लिये हुए संकल्पों को 82 % भी पूरा कर पाए तो आप
कुछ कर गुजरने के संकल्प से
कीजिए
नववर्ष
अभिवादन
33
BR
OTRAT2143203808240HANNEd
u Remat9THANNENNANC0000000000000024220
For Personal & Private Use Only
Page #35
--------------------------------------------------------------------------
________________
सफलता की मंज़िल पर खड़े हैं, 50% पूरा कर पाए तो समझिए कि आप अपने जीवन के प्रति फिर भी जागरूक हैं, पर यदि हम 36% भी पूरा न कर पाए तो ज़ाहिर है कि आप लापरवाह एसोसिएशन के चैयरमैन हैं। आपकी औकात शेखचिल्ली और नसीरुद्दीन के अलावा कुछ नहीं
( जीवन की सबसे बड़ी शक्ति इंसान की संकल्प-शक्ति है। माना कि पत्थर मज़बूत होता है, पर लोहा पत्थर को भी तोड़ देता है। आग लोहे से भी ज़्यादा शक्तिशाली है, जो लोहे को भी पिघाल देती है। पानी आग से भी ज़्यादा ताक़तवर है, जो आग को भी बुझा देता है; पर इंसान की संकल्प-शक्ति पत्थर, लोहा, आग और पानी से भी ज़्यादा शक्तिशाली है, जो इन चारों को भी अपने वश में
कर लेती है। . ( संकल्प करने से पहले भली-भाँति जीवन का मूल्यांकन
R
DAGAON
DeepikatanRSONATRIORADAINIK
AwaCARICORNOO
BIGdpresmodiceTHANIRAM
wantweignumanus
For Personal & Private Use Only
Page #36
--------------------------------------------------------------------------
________________
कीजिए और ख़ुद को ठोक-बजाकर ही संकल्प लीजिए। अपने लिए हुए संकल्प को हर रोज़ दोहराइए भी, यह सोचकर कि मेरा संकल्प ही मेरे जीवन का सबसे बड़ा धन
Contacts
ReRecision
( हमेशा देखते रहिए कि आप अपने संकल्प के रास्ते पर कितने कदम आगे बढ़े हैं। आख़िर इंसान की सफलता का
राज़ ही उसका संकल्प और उसकी लगन है। ( लिये हुए संकल्प और दिये हुए वचन को हर हाल में निभाइए, फिर चाहे इसके लिए कैसी भी क़ीमत क्यों न चुकानी पड़े? भगवान् राम और राजा बलि से प्रेरणा लीजिए जिसमें से एक ने वचन की पूर्ति के लिए चौदह साल का वनवास भी स्वीकार कर लिया तो दूसरे ने संकल्प-पूर्ति के लिए जीती हुई धरती भी दान में दे दी, पर अपने संकल्प और वचन को आँच न आने दी।
SAKS
68800000000000000356
For Personal & Private Use Only
Page #37
--------------------------------------------------------------------------
________________
2456002068800323
80000000000000000
300000NISHNAMAILORocc000000000000069122000285033
Dogsoxcc0000888830888058825888888806
(८ जो अपने जीवन के बारे में कुछ सोचते ही नहीं हैं, वे
नासमझ हैं। जो सोच-समझकर निर्णय लेते हैं वे बुद्धिमान हैं, पर साहसी लोग लिये हुए संकल्प और निर्णय को पूरा करने के लिए अपनी जान की बाजी लगा लेते हैं। ऐसे लोग ही कर पाते हैं जीवन के उज्जड़ खंडप्रस्थ को हरा-भरा समृद्ध इन्द्रप्रस्थ। जो केवल बातें. ही करते रहते हैं वे स्त्रीलिंग हैं, जो क्रियान्वित करते हैं वे पुल्लिंग हैं, पर जो न बात करते
हैं न काम, वे मात्र नपुंसक हैं। । भगवान् कहते हैं : नपुंसकता तुम्हें शोभा नहीं देती।
अपने हृदय में घर कर चुकी तुच्छ दुर्बलता का त्याग करो। कर्त्तव्यपथ तुम्हें बुला रहा है। घबराओ मत, प्रभु तुम्हारे साथ है। जीवन में मिलने वाली हर चुनौती हमें कर्म करने की प्रेरणा है। आग तो हर व्यक्ति के भीतर छिपी हुई होती है, बस उसे जगाने की जरूरत है।
20085504808000000000000000000000000
0
0
come on
get set go...
36
For Personal & Private Use Only
Page #38
--------------------------------------------------------------------------
________________
व्यक्तित्व निखारने के अनमोल उपाय
अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए स्वयं को स्वस्थ, सुन्दर और सौम्य बनाइये । स्वास्थ्य आपकी कुंजी है, सौन्दर्य आपका वैभव है और सौम्यता आपकी ताक़त । यदि आपके पास ये तीनों गुण हैं तो आप गुलाब हैं नहीं तो गुड़हल । (संसार का सारा सुख मनुष्य के स्वस्थ शरीर में समाया होता है यदि आप रुग्ण हैं तो कल से ही
सुबह जल्दी उठिए, टहलने जाइये, संतुलित और पौष्टिक आहार लीजिए, स्वयं के प्रसन्न और तनावमुक्त रखिए, आप अनायास स्वास्थ्य और प्रभावी व्यक्तित्व के मालिक बन जाएँगे ।
झुकें ज़रूर,
पर
रुकें नहीं
स्वयं को संदा मुस्कुराते हुए और सकारात्मक रखिए। आप इनमें सदा वे फल प्राप्त करते रहेंगे जो कि आप किसी कल्पवृक्ष से पाने की अपेक्षा रखते हैं ।
जीवन की गाड़ी में विनम्रता का
37
For Personal & Private Use Only
Page #39
--------------------------------------------------------------------------
________________
ग्रीस लगाइये। हर सुबह घर के बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श का सौभाग्य प्राप्त कीजिए और सबके साथ प्रेम, सम्मान और विनम्रता से पेश आइये, आपको उनके आशीष, आत्मीयभाव और सहयोग तीनों प्राप्त होंगे।
अनुभवों को अपने जीवन का अध्यापक बनाइए । ग़लती हो जाने पर महज 'सॉरी' कहकर उसे नज़रअंदाज़ मत कीजिए । ग़लती को महसूस कीजिए और उससे सीख लेते हुए बेहतर परिणाम के लिए फिर से तत्पर हो जाइये । मौलिकता में विश्वास रखिए। औरों से प्रेरणा लीजिए, पर औरों की नक़ल करके स्वयं को मनुष्य से बंदर मत बनाइये। याद रखिए, नक़ल करके आप तक कोई महान् नहीं बन सका है।
अपने समान दूसरों से अपेक्षा मत रखिए। दूसरों से उतनी ही अपेक्षाएँ रखिए जितनी उनमें काबिलियत है, अन्यथा आपको उनसे उम्रभर आक्रोश और असंतोष का सामना करना पड़ेगा।
For Personal & Private Use Only
38
Page #40
--------------------------------------------------------------------------
________________
मित्रता जीवन में माधुर्य घोलती है। हम नए मित्र अवश्य बनाएँ, पर पुराने मित्रों को न भूलें। नए मित्र अगर चांदी हैं तो पुराने मित्र सोना। असफल होना गुनाह नहीं है। अपनी हीनता और हताशा को घर के अटाले की तरह बाहर निकाल फेंकिए। पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ फिर से लग जाइये, एकन-एक दिन आप अपने इन्हीं क़दमों से एवरेस्ट तक को भी फ़तह कर लेंगे। दूसरों को हर समय उपदेश, आदेश और भाषण मत झाड़ते रहिए। जो आप कहना चाहते हैं उसे खुद कीजिए और इस तरह स्वयं दूसरों के लिए प्रेरक उदाहरण बनिए। किसी के द्वारा अपमान किये जाने पर महज़ मुस्कुरा दीजिए। उसे अपनी ओर से वह दीजिए जो आप अपने निर्मल हृदय से अच्छे से अच्छा दे सकते हैं। में जब भी किसी से मिलें, उन्हें कुछ-न-कुछ अवश्य देते रहें फिर चाहे वह धन हो, उपहार हो, प्रेम हो अथवा उसकी प्रशंसा। याद रखिए, सच्चा सुन्दर वही है जिसका हृदय कोमल, वाणी मधुर और कार्य तथा कृतियाँ सुन्दर हों।
39
saasCORATOPATNANATIONALANATIONAGAR-
o steppermacompapurasusagesa
For Personal & Private Use Only
Page #41
--------------------------------------------------------------------------
________________
लाइफ मैनेजमेंट के गुर
स्वयं पर अनुशासन कीजिए। दूसरों पर अनुशासन करना आसान है, पर स्वयं पर अनुशासन लागू करना चुनौतीपूर्ण है।
कर्मठता + समय पाबंदी + बेहतर जीवन =
सफलता
LIFE MANAGEMENT
'किसी भी बात को बेटी पर लागू करना कठिन है। बेटे पर लागू करना उससे भी ज़्यादा कठिन है । पत्नी पर लागू करना बेटे और बेटी दोनों पर लागू करने से ज़्यादा कठिन है, पर उसी बात को स्वयं पर लागू करना इन तीनों पर लागू करने से ज़्यादा कठिन है । क्या आप इस चुनौती को स्वीकार करेंगे?
जिसे करें, अभी करें। अपने वर्तमान को इतना ख़ूबसूरत बना लें कि वह कल के लिए यादगार बन सके। 'जीवन - प्रबंधन का पहला गुर यही है कि सुबह सूर्योदय से पूर्व जगिए, बेहतर स्वास्थ्य के लिए
For Personal & Private Use Only
40
Page #42
--------------------------------------------------------------------------
________________
8.630866600333033
योग कीजिए, अभिभावकों का अभिवादन कीजिए, सलीके से भोजन कीजिए, नाखून मत बढ़ाइए या उन्हें साफ रखिए। समय पर दफ्तर जाइए और समय पर घर लौटिए। माता-पिता, भाई-बहिन और बीवी-बच्चों पर भी
अपने समय का निवेश कीजिए। । स्वयं को स्वावलम्बी बनाइए। अपना काम खुद अपने ही हाथों से पूरा करने की आदत डालिए। इससे हर चीज सुव्यवस्थित रहेगी और ज़रूरत पड़ने पर तत्काल मिल
भी जाएगी। । समय के अनुशासन को भी लागू कीजिए। समय पर हर काम को पूर्ण करना ही आपकी विशेषता हो। हाथ में घड़ी बांधने की सार्थकता तभी है जब आप समय पर चलने की भी जागरूकता रखें। जीवन में एक वर्ष की क्या कीमत है, यह पूछिए विद्यार्थी से जो परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया। एक महीने की कीमत ऐसी महिला से पूछिए जिसके अठमासिया बच्चा पैदा हुआ। एक सप्ताह की कीमत साप्ताहिक पत्रिका के
compoatolencreaseptonsince
Rhinockedaachaaraasaramimit
S
For Personal & Private Use Only
Page #43
--------------------------------------------------------------------------
________________
सम्पादक से पूछिए जो कि सही समय पर पत्रिका प्रकाशित न कर सका । एक दिन की कीमत उस मजदूर से पूछिए जिसे दिनभर की मेहनत की दहाड़ी न मिल पाई । एक घंटे की कीमत किसी सिकंदर से पूछिए जो एक घंटे की अतिरिक्त ज़िंदगी के लिए अपना साम्राज्य देने को तैयार हो गया । एक मिनट की कीमत उससे पूछिए जो वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले से एक मिनट पहले बाहर निकला था और एक सेकंड की कीमत उस ओलम्पिक खिलाड़ी से पूछिए जो स्वर्ण पदक की बजाय रजत पदक ही पा सका । आप समय की क़ीमत समझिए और समयबद्धता को जीवन में लागू कीजिए ।
अपने हर काम को इतनी पूर्णता से कीजिए कि मानो रवीन्द्रनाथ गीतांजलि लिख रहे हों या जगजीतसिंह संगीत का एलबम बना रहे हों ।
अपनी सोच को हमेशा बेहतर और सकारात्मक रखिए । विपरीत वातावरण बन जाने पर ही आपकी शिक्षा, सहनशीलता और गुणवत्ता की कसौटी होती है ।
सदा मुस्कुराइए और अपने गुस्से पर नियंत्रण रखिए । यदि आप हर समय नौकर-चाकर को डांटते रहेंगे, तो आपके बच्चे भी आपका अनुसरण करेंगे और इस तरह हर समय आपके घर में चिनगारियाँ सुलगती रहेंगी।
For Personal & Private Use Only
42
Page #44
--------------------------------------------------------------------------
________________
लक्ष्य बनाएँ, पुरुषार्थ जगाएँ
हर गुरु और शिक्षक के पास शिष्य सौ आते हैं, पर अर्जुन वही बनता है, जो पूरी तन्मयता से अभ्यास करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता है। अपने लक्ष्य और कार्य को इतनी गंभीरता से लीजिए कि मात्र द्रोणाचार्य ही नहीं, उनकी मिट्टी की मूर्ति भी प्रेरणा और मार्गदर्शन की रोशनी देती हुई दिखाई देने लग जाए। सफलता न मिले, तो हताश न हों। दुनिया के किसी भी श्रेष्ठ और सफल व्यक्ति की आत्मकथा पढ़कर देखें, उसे अपनी ऊँचाई और सफलता पाने से पहले सौ असफलताओं का सामना करना
पड़ा है। न कठिनाइयों से घबराएँ नहीं।
आपका जीवन पलंग पर पड़े रहने के लिए नहीं है। अपने से आगे बढ़ चुके लोगों को देखकर प्रेरणा
चलिए सफलता के रास्ते
URI
43
For Personal & Private Use Only
Page #45
--------------------------------------------------------------------------
________________
2080300262000000000000000000000000280000000000
लीजिए और अपने स्वाभिमान तथा शक्ति को जगाकर
लक्ष्य के लिए प्रयत्नशील हो जाइये। C कछुए और खरगोश की कहानी से सीखिए कि जीतने के लिए क्या चाहिए? जीत का विश्वास, लक्ष्य के प्रति निष्ठा और लगातार चेष्टा। मनुष्य के हाथ में भाग्य नहीं, पुरुषार्थ की रेखा है। पुरुषार्थ अगर अनवरत चलता रहे, तो बूंद को भी सागर बनते देखा गया है और भाग्य के देवता को भी पुरुषार्थ
और पराक्रम का सम्मान करते हुए पाया गया है। फूल वह काम का नहीं है जिसकी पंखुड़ियों में आकर्षक रंग हो। फूल वह काम का है जिसमें खिलावट के साथ खुश्बू भी हो। कामयाबी के महकते फूल तो कोशिशों की क्यारियों में ही खिला करते हैं। "किसी की टिप्पणी को सुनकर बुरा मत मानिए। दूसरों की टिप्पणी आपके लिए चुनौती है। उसे स्वीकार कीजिए
और वह रोशनी फैलाकर दिखाइये कि अंधेरा भी शर्मिंदा हो जाए।
vid0008-2009
0580000MAdiwasivane
008860048088856002999982082290822908280
HISROIBRARge
&
14
For Personal & Private Use Only
Page #46
--------------------------------------------------------------------------
________________
Do666583
6
33
3880038222880500058856002050886%25ER24203836468222
आपकी वाणी आपके मुखमंडल की आभा से भी अधिक ताक़तवर है। कहीं ऐसा तो नहीं कि आपकी वाणी मुठभेड़ का रूप ले लेती हो। अपनी बोली को सुधारिए और ऐसा बोलिए कि लोगों के दिलों में वह सावन की बयार या वीणा की झंकार का आनंद दे जाए। अपने को इतना बड़ा भी मत मानिए कि दूसरे आपको तिनकों की तरह तुच्छ नज़र आएँ। महाकवि तुलसीदास भी स्वयं को अधम और अज्ञानी मानते थे। दूसरों को सम्मान देना ही सम्मानित व्यक्ति की महानता है। जीवन के सपने देखना अच्छी बात है, पर ध्यान रखिए सपने तो शेखचिल्ली भी देखता था जो हर दिन अंडों के महल बनाता। आप अपनी आँखें खोलिए और जो आपने ख्वाब देखे हैं, उन्हें सत्य भी साबित कीजिए। अपनी शक्तियों को पहचानिए, पर अपनी कमजोरियों को जीवन से उखाड़ फेंखिए, आपकी शक्तियाँ दुगुनी प्रभावी हो जाएँगी। कौन व्यक्ति कितना मेहनती है और कितना आलसी, इस बात की पहचान केवल इस बात से कर लीजिए कि वह एक गिलास पानी खुद उठकर पीता है या औरों से मंगवाकर। स्वस्थ सुखी जीवन जीने के लिए अपना काम खुद करने की आदत डालिए।
45
For Personal & Private Use Only
Page #47
--------------------------------------------------------------------------
________________
( कामयाबी की कुंजी
१ हर मंजिल के रास्ते होते हैं और हर रास्ते पर मुश्किलें। मन में अगर उमंग है, तो विश्वास रखिए जीत आपकी है। कामयाबी के दरवाजे उन्हीं के लिए खुला करते हैं जो उन्हें खोलने के लिए खटखटाया
करते हैं। आपको सफलता और समृद्धि का अर्थ सफलता
पैसा ही नहीं है। जीवन के सौ क्षेत्र
हैं, स्वयं को हर ओर से पूर्णता आपके | दीजिए। हाथ ९ याद रखिए, कछुआ अपनी रफ्तार
के कारण विजय प्राप्त नहीं करता, वरन् लक्ष्य के प्रति एकनिष्ठता ही उसकी सफलता का राज है। १ सीखने की ललक हो तो मिट्टी के द्रोण से भी सीखा जा सकता है। महान गुरु की तलाश से पहले
46
For Personal & Private Use Only
Page #48
--------------------------------------------------------------------------
________________
अपनी जिज्ञासा को महान बनाइए ।
सफलता के लिए इच्छाशक्ति चाहिए और इच्छाशक्ति के लिए उत्साह । उत्साह से किया गया हर कार्य सफलता का सुख देता है ।
योजना धैर्य से बनाइये और काम पूरी गति से कीजिए । आप तब तक मत रुकिए जब तक लक्ष्य हासिल न हो जाए।
अपनी सफलता के लिए हर कोई प्रयत्नशील होता है, आप औरों की सफलता के लिए भी सहयोग कीजिए ।
१ कोशिश तबीयत से की जाए तो पत्थर का छोटा-सा कंकर भी आसमान में छेद कर सकता है ।
९ अपना कार्य इस तरह कीजिए कि वह आपकी
पहचान बन जाए ।
अपना मानसिक संतुलन मत खोइये, वरना आई हुई समस्या का सामना करने में आप असफल हो जाएंगे।
SUCCESS
For Personal & Private Use Only
47
Page #49
--------------------------------------------------------------------------
________________
५ जीवन का लक्ष्य बनाइये । बगैर लक्ष्य का व्यक्ति करता तो बहुत कुछ है, पर पाता कुछ नहीं । घड़ी का पेंडुलम हिलता - डुलता तो खुब है, पर पहुंचता कहीं नहीं ।
९ नाकामयाबी के कारण निराश मत होईये, उसने आपको सम्हलकर चलने की प्रेरणा दी है।
९
असफल होने पर भाग्य को कोसने की बजाय यह देखिए कि प्रबंधन कहाँ कमजोर रहा।
अपने कार्य और उत्पादन को हर रोज बेहतर बनाने का प्रयत्न कीजिए। याद रखिए लोगों को आपसे नहीं, उनको प्राप्त होने वाले लाभ से मतलब है ।
इससे पहले कि कल आप पर काम का अतिरिक्त बोझ बढ़े, आप उसे आज ही करना शुरू कर दीजिए । प्रयास तब तक जारी रखिए, जब तक आप उसके परिणाम से संतुष्ट न हो जाएँ ।
सफलता की सड़क पर चलने के लिए अपनी अर्द्धांगिनी का भी सहयोग लीजिए। उसका कंधा आपके कंधे को मज़बूत करेगा ।
For Personal & Private Use Only
48
Page #50
--------------------------------------------------------------------------
________________
सफल होना है तो...
ऊँचा लक्ष्य +
महान सोच
+
बेहतर कार्यशैली
सफलता
० सही निशाने के लिए तीर एक ही काफ़ी है अगर सही जगह लगे तो । - ० एक बार गाय के पास जाकर उसे दुहते हुए देखिए | आप पाएँगे गाय हमें दूध देती नहीं है, बल्कि दूध बूँद-बूँद और धार - धार निकालना पड़ता है। आप इससे समझें कि सफलता घर बैठे नहीं
·
मिलती, वरन् उसके लिए हर दिन बेहतर मेहनत करनी पड़ती है ।
० अपने भविष्य को बनाने के लिए अपने वर्तमान को दांव पर अवश्य लगाइए, पर उतना ही जिससे वर्तमान दुखी न हो।
- जीवन में जब भी दुखों का सामना करना पड़े तो घबराइए मत; अपना नाम ही रख लीजिए : सुखीराम । और, जब-जब भी दुखों का सामना करना पड़े, उसे नियति की व्यवस्था मानकर खुद को पुनः सुखीराम बना लीजिए ।
For Personal & Private Use Only
49
Page #51
--------------------------------------------------------------------------
________________
- खुद की गलतियों से निराश मत होइए। गलती किसी से
भी हो सकती है। दुनिया में 10 बटा 10 तो कोई भी नहीं होता। गलती को गलती समझिए और उसे दुरुस्त
कीजिए। .0 माना कि आज हमारी औकात बूंद जितनी होगी, पर बूंद
से बूंद मिलाते रहें, तो एक दिन वही बिजली पैदा करने वाला बांध बन जाता है। बस, आप तो अपने आप से
हमेशा कहते रहिए : मुन्नाभाई, लगे रहो ... लगन से। - दुनिया का कोई भी पत्थर एक ही बार में नहीं टूटता, पर
दसवें वार में टूटने वाले पत्थर के लिए उन नौ वारों को अर्थहीन नहीं कहा जा सकता, जिनकी हर मार ने पत्थर
को कमज़ोर किया था। - आप जहाँ हैं, अगर वहीं बैठे रहें तो कहीं नहीं पहुँचेंगे। शिखर को लक्ष्य बनाकर चलने वाले लोग भले ही शिखर तक न पहुँच पाएँ, पर छोटी-मोटी कई चोटियाँ तो पार कर ही जाएँगे।
SUCCESS
mission
positiveness
tant
For Personal & Private Use Only
Page #52
--------------------------------------------------------------------------
________________
38820800985286-57385802040820164%800050489%860050
00Mscesstococc0000205053502020000585085300-2286880378000005420824185802888888888888888856002581000025254085023082200603005000000200500000
R ASPONRE
256022028844685500
.-० रिस्क से मत घबराइए। दुनिया में क्या कोई बगैर
जोखिम उठाए एक क़दम भी आगे चल पाया है? - सफलता कोई मज़िल नहीं है, एक लम्बी यात्रा है। इसे
तब तक जारी रखिए जब तक जिगर में साँस है। - अपने समर्थन में सौ लोगों को खड़ा करने के लिए
अपनी सफलता का स्वाद दूसरों को भी चखाते रहिए ताकि आपकी सफलता आपका स्वार्थ न बने। सच्ची सफलता वही है जिसका आनंद अपने पूरे परिवार और
परिजनों को बाँटा जाए। - आप अमीर हैं तो तय है कि आपका बेटा भी अमीर
कहलाएगा, पर आप अपने बच्चे को उस अनुशासन की नसीहत ज़रूर दें जिससे वह भी उसी सफलता का
आनंद ले सके, जिसका आपने लिया है। -- सफलता का गुरुमंत्र है : बेहतर सोच + बेहतर कार्य
शैली = सफलता।
areaninepaliNSADHIRProfile
For Personal & Private Use Only
Page #53
--------------------------------------------------------------------------
________________
* 288080500020568888888888888888
0000000000000RRAHAO
N L
xee
-ज़िंदगी में सपने अवश्य देखिए, पर याद रखिए दुनिया
में कोई भी सपना एक ही दिन में पूरा नहीं होता। सपनों को साकार करने के लिए अपनाइए - ऊँचा लक्ष्य + लगन + कड़ी मेहनत + साहस + धैर्य + विनम्रता = सफलता की ओर हर रोज चार क़दम। ०चौबीसों घंटे धंधे के बारे में ही न सोचते रहें। आपके घर-परिवार-बीवी-बच्चे-मित्र सभी हैं, उनके साथ भी
खुशियों के पल गुजारिए। -ज़िंदगी में महज़ दौलत पाने के लिए मेहनत न करें,
वरन् खुद को स्थापित करने के लिए ही मेहनत की
सड़क पर चलें। -अर्जित की गई सफलता से बंधकर न रहें। चार क़दम आगे
बढ़कर दूसरों के लिए अपने पैरों के निशान छोड़ जाइए।
mission complete
course
For Personal & Private Use Only
Page #54
--------------------------------------------------------------------------
________________
सफलता का शॉर्टकट
जाना नहीं
1: दुनिया का रिवाज़ है कि यहाँ ज्ञान
से ज्ञान बढ़ता है और पैसे से पैसा। आप उधार लेकर व्यापार शुरू मत कीजिए वरना आप ब्याज
के बोझ से उबर नहीं पाएंगे। " पहले तन से मेहनत कीजिए, किफायत से खर्च कीजिए, थोड़ी पूँजी जमा कीजिए और फिर अपनी मौलिक पूँजी से व्यापार शुरू कीजिए। आपकी पसीने की बूंदें एक दिन रंग ज़रूर लाएंगी। छल-प्रपंच से परहेज़ रखिए। झूठा आदमी भी व्यापार तो कर सकता है, पर प्रतिष्ठा उसी व्यक्ति और दुकान को मिलती है जहाँ पर सबके लिए एक ही नीति, व्यवस्था और पारदर्शिता अपनाई
जाती है। / झूठे बेटे की माँ कहलाने की बजाय बाँझ कहलाना ज़्यादा पसंद कीजिए।
নু কী हार के
53
For Personal & Private Use Only
Page #55
--------------------------------------------------------------------------
________________
2005000000000000000000000020201630000
K हो सकता है आप रिश्वत और चोरी करके अपनी पत्नी
के हाथों में सोने की चूड़िया तो पहना दें, पर सावधान ! ऐसा न हो कि आपके हाथ में लोहे की हथकड़ियां आ जाएँ। सफलता का सम्बन्ध महज़ व्यापार या केरियर से नहीं है। सबके साथ विनम्रता और मिठास से पेश आना, रिश्तेदारों के साथ सहयोग करना और स्वार्थों से ऊपर उठकर गैर इंसानों के काम आना भी सफलता के अलगअलग आयाम ही हैं। ग़लत और विपरीत वातावरण बन जाने पर भी खुद पर संयम और धैर्य रखना भी सफलता की ही निशानी है। सफलता के लिए अपने हर दिन की शुरुआत स्वस्थ मन से कीजिए। सुबह योग कीजिए या टहलने जाइए। अपने बड़े-बुजुर्गों के पाँव छूकर उनके आशीर्वाद ज़रूर लीजिए। ग्राहक को अपना 'बॉस' समझकर उसके साथ सलीके से व्यवहार कीजिए। माल पसंद न आने पर उसके साथ झगड़ा करने की बजाय अपनी मधुरता को
20
For Personal & Private Use Only
Page #56
--------------------------------------------------------------------------
________________
अखंड रखिए। । यदि आप छात्र हैं तो मन लगाकर पढ़िए, व्यापारी हैं तो मन लगाकर व्यापार कीजिए और धार्मिक हैं तो मन से धर्म-आराधना कीजिए। याद रखिए केवल मेहनत ही रंग नहीं लाती, मन लगाकर की गई मेहनत ही 'सर्वोच्च स्थान दिलाती है। " जीवन में जब भी, जिस किसी भी क्षेत्र में क़दम उठाना हो, तो पहले उसकी पूर्व तैयारी करना मत भूलिए। लकड़हारा भी अगर लकड़ी काटने जाता है तो पहले
कुल्हाड़ी पर धार लगाना नहीं भूलता। में अपनी कार्यशैली को इतना बेहतर बनाइए कि आपके क़दमों की आहट भी दूसरों की किस्मत बदल डाले। याद रखिए, ज्ञानी की सरलता और अमीर की विनम्रता ज्ञान और धन से भी ज़्यादा प्रभावी होती है। सत्ताशील, सम्पत्तिवान और संत हो जाने पर भी यदि आप अपनी सरलता, मधुरता और विनम्रता को बरकरार रखते हैं, तो
55
For Personal & Private Use Only
Page #57
--------------------------------------------------------------------------
________________
यह सफलता के साथ लोकप्रियता का अनमोल ख़ज़ाना
भी आपको उपलब्ध करवाती रहेगी। । हर समय मुस्कुराने की आदत डालिए। यदि आपके
चेहरे पर झुर्रियाँ छाने लगी हों और दांत गिरने लग गए हों, तब भी मुस्कुराना मत भूलिए। बूढ़े आदमी को भी स्वर्ग को जीने का पूरा हक है। याद रखिए, धरती पर रो तो कोई भी प्राणी सकता है, पर मुस्कुराने का सौभाग्य केवल हम इंसानों को है। फिर कंजूसी क्यों? सदा मुस्कुराहए और अपने क्रोध
और तनाव पर विजय पाइए। जीवन में जब भी विफलता का अहसास हो तो मुँह लटकाकर बैठने की बजाय बचपन में सुना हुआ वह गीत गुनगुनाएँ : रुक जाना नहीं तू कभी हार के, काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के, ओ राही... ओ राही ओ राही... ।
you
can
300500023880830660000000000000000000000000
156
For Personal & Private Use Only
Page #58
--------------------------------------------------------------------------
________________
सफलता के दस कदम)
। थामिए साहस का दामन
, लगातार टिक्...टिक् करती घड़ी हमें इस बात के लिए आगाह कर रही है मित्र! जीवन का काँटा कहीं अटकने के लिए नहीं, सफलता के रास्ते पर मनोयोगपूर्वक निरन्तर श्रम और संघर्ष करने के लिए है। , जीवन में बाधाओं की चाहे सड़क पार करनी हो या रेल की पटरी, धैर्य और साहस का दामन कभी मत छोड़िए। त समझदारी की दहलीज़ पर क़दम रखते ही दिल में लक्ष्य का चिराग़ जला लिया जाए तो इससे आप अपनी सात पीढ़ी के लिए रोशनी के दस-दस द्वार खोल सकते हैं। अवसर की इंतज़ारी ही मत करते रहिए। बुद्धिमान व्यक्ति को जितने अवसर मिलते हैं, उनसे अधिक
57
For Personal & Private Use Only
Page #59
--------------------------------------------------------------------------
________________
POORAJSHREERAREERS2006003002
नए अवसरों को वह पैदा कर लेता है। ॥ संसार में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जिसके जीवन में एक
बार भाग्योदय की वेला न आती हो, किन्तु उस वेला का स्वागत न होने पर वह उल्टे पैर लौट जाती है। हर बचपन का बुढ़ापा होता है और हर कार्य की मंज़िल। अपने उत्साह और उमंग को सदा अपनी आँखों में बसा कर रखिए ताकि बुढ़ापा और मंज़िल सदा तरोताज़ा रहें। अपने मनोबल को पंगु होने से बचाइये। आप शरीर से अपंग होकर भी अष्टावक्र की तरह सम्पूर्णता का सामर्थ्य अर्जित कर लेंगे। , कल्पनाओं के पंख उतने ही फैलाइये, जितनी उड़ने की ताक़त हो। कोरी कल्पनाएँ जहाँ आदमी को शेखचिल्ली बनाएगी, वहीं चिन्ता और अवसाद की गहरी खाइयाँ भी खोद डालेंगी।
0000000003
RO
For Personal & Private Use Only
Page #60
--------------------------------------------------------------------------
________________
3089000000000000000000ASRANAM
जीवन में प्रसन्नता का एक पेड़ तो लगाइये। उसकी डाल पर चहचहाने के लिए रंग-बिरंगी चिड़ियाँ और मिठास बढ़ाने के लिए खूबसूरत फल अपने आप आ जाएँगे।
HARRER
285120345844306606583893364
0
2000000000
" जब तक अपने आप पर पूरा संयम न हो, तब तक उस सोहबत में न जाएँ, जहाँ ग़लत आदतों का धुआँ सिर
पर चढ़ता हो। ही हमारा मन किसी खेत की तरह है। उसमें उन्हीं विचारों
और सम्बन्धों के बीज बोइये जिनसे आप सौ गुना
अधिक फसलें पाना चाहते हैं। पी पुस्तकों को अपना जीवन साथी बनाइये। ये किसी निजी मित्र की तरह जहाँ हमारा मार्गदर्शन करती रहेंगी, वहीं माँ की तरह हमारा साहस और आत्मविश्वास भी बढ़ाती रहेंगी। - मुसीबत की वेला में आँसू मत ढुलकाइए। अपनी श्रेष्ठ
बुद्धि का इस्तेमाल कीजिए, आप मुसीबतों की चट्टानों को रोकने में सफल हो जाएंगे।
59
AIRMIRE
For Personal & Private Use Only
Page #61
--------------------------------------------------------------------------
________________
बच्चों का सूख बड़ॉ के हाथ)
9 बच्चे ईश्वर का प्रसाद हैं और
आपकी अनमोल धरोहर। उन्हें ऐसा अमृत सिंचन और आशीर्वाद दीजिए कि आने वाला कल उनके लिए महक भरी सुबह साबित हो
सके।
50000020200000000000000000000000000000000000000000000000
उपदेशक
नहीं, उदाहरण बनिए
9 आपका घर आपके बच्चों की पहली पाठशाला है। अपने घर का वातावरण इतना सुव्यवस्थित और सुमधुर रखिए कि उसकी उजास, आपके बच्चों की भाषा और व्यवहार से प्रकट हो। 9 बच्चों का दिमाग किसी मूवी कैमरे
की तरह है। वे आपको वापस वही दिखाएंगे जो उनके कैमरे में दर्ज हुआ है। उनके सामने कभी गाली-गलौज या छलभरा बर्ताव न करें, अन्यथा उनके अश्लील और असभ्य आचरण के उत्तरदायी आप होंगे। O किसी के द्वारा यह पूछने पर कि
बेटा, क्या घर में तुम्हारे पापा हैं?
60
For Personal & Private Use Only
Page #62
--------------------------------------------------------------------------
________________
आपकी ओर से यह कहना कि कह दो घर में पापा नहीं हैं, बच्चों को झूठ, छल और चोरी करने के लिए
उत्साहित करता है। 9 बच्चों पर केवल धन ही खर्च मत कीजिए, वरन् अपने बेशकीमती समय का भी निवेश कीजिए। याद रखिए, व्यापार अपनी जगह है, पर बच्चों के प्रति आपके कुछ महान कर्त्तव्य भी हैं, जिन्हें पूरा करके आप एक आदरणीय पिता की भूमिका अवश्य निभाएँ। उत्तम पिता वह नहीं है जो संतान को विरासत में सम्पत्ति दे, वरन् वह पिता उत्तम है जो संतान को श्रेष्ठ संस्कार दे। चोर और बिगड़ी हुई संतान का पिता कहलाने की बजाय बांझ या नपुंसक कहलाना ज़्यादा श्रेष्ठ है। अपने से छोटों को कोरे बड़े-बड़े उपदेश या भाषण मत दीजिए। जो आप उनसे कहना चाहते हैं उसे स्वयं करके उनके लिए आदर्श उदाहरण बनिये। छोटे स्वतः आपसे प्रेरणा की किरण प्राप्त कर चुके होंगे।
61
358046584500
For Personal & Private Use Only
Page #63
--------------------------------------------------------------------------
________________
© यदि आप चाहते हैं कि आप श्रवणकुमार के पिता
कहलाएँ, तो इसके लिए ज़रूरी है कि आप स्वयं श्रवणकुमार बनकर अपने माता-पिता के प्रति अपने दायित्व निभाने शुरू कर दीजिए। 9 बच्चों को पढ़ा-लिखाकर लायक बनाएँ, पर उस तरह
का लायक भी न बनाएँ कि वे आपके प्रति ही नालायक
साबित हो जाएँ। 9 संतान से वापसी की अपेक्षा न रखें तरुवर और सरोवर
की तरह उन पर अपना स्वत्व लुटाएँ। आप केवल आज को महान् बनाएँ, आने वाला कल स्वतः अपनी महानता दरशाएगा। 9 संतान यह विवेक रखें कि माता-पिता की उपेक्षा करके कबूतरों को दिया गया दाना और मंदिर में किया गया अभिषेक कभी पुण्यमयी नहीं हो सकेगा। जिन्होंने हमें जीवन दिया और जीवन के आधार भी, उनके सुखदुःख के सहभागी बनकर ही हम आने वाली पीढ़ी के लिए 'माइतों की पुण्याई' की पूंजी छोड़कर जा सकेंगे। O यह अच्छी बात है कि आपका बच्चा 80% अंक लाता है, पर यदि उसे मुस्कुराने का भी वक़्त नहीं मिलता, तो ध्यान रखिए बच्चों की मुस्कान 80% मास से भी ज़्यादा क़ीमती है।
NAPOORDARDAN
R
900000000589880290008298560380869088000000000000000000000000000000000000000000000
dosco
m dananddogd
and98
8 89XM0X6000008800300380008
For Personal & Private Use Only
Page #64
--------------------------------------------------------------------------
________________
बस, हाथ बढाएँ
सच्चा मित्र एक ही भला
1/ मित्रता मन का माधुर्य है, जीवन
का संगीत है, रिश्तों की ताकत है। इंसानियत का तकाजा है। मित्रता सुरक्षा का रक्षाकवच है। यह संकट में मददगार और लाइफ इंश्योरेंस है जिंदगी के साथ भी, ज़िंदगी के बाद भी। 1/ घर के पास एक अच्छे पड़ौसी का
साथ मिल जाए तो मकान की कीमत दुगुनी हो जाती है, पर ज़िंदगी में एक अच्छे मित्र का प्रवेश जीने के मजे को चार गुना
बढ़ा देता है। 1 बचपन से लेकर अब तक यदि
कोई मित्र आपके साथ है तो समझिए यह आपके जीवन की
सबसे खूबसूरत क़िस्मत है। 11 मकान जितना पुराना होता है,
उतना ही कमज़ोर होता है, पर दोस्ती जितनी पुरानी होती है उतनी
63
SARAARANA22200609ERY
For Personal & Private Use Only
Page #65
--------------------------------------------------------------------------
________________
ही मज़बूत होती है।
सारी दुनिया ही आपसे रूठ क्यों न जाए, पर यदि आपके पास एक अच्छे मित्र का साथ है तो समझिए कि ईश्वर आपका शुभेच्छुक है।
अच्छे आदमी की पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका है : आप सबसे पहले उसके दोस्तों का स्तर देखें, आप खुद ही उसके गुणों को पहचान जाएंगे।
मूर्खों से दूरी ही अच्छी है। मूर्ख को अपना मित्र बनाने की बजाय, उस दुश्मन से अपनी मित्रता बना लें, जो समझदार और बुद्धिमान है।
11 किसी मित्र के लिए अपनी जान देना कठिन नहीं है परन्तु ऐसा मित्र मिलना कठिन है, जिसके लिए जान दी जा सके।
करीबी मित्र और पुस्तकें सीमित रखिए। ऐसे लोगों को अपना मित्र मत बनाइए जिनसे आपकी गरिमा और प्रतिष्ठा को दाग लगता है।
For Personal & Private Use Only
64
Page #66
--------------------------------------------------------------------------
________________
1000000000000000000000
50881990423002065800030000
एस
.
11 ऐसे लोगों को दोस्त मत बनाइए जो पंछी की तरह
सरोवर पर आकर बैठते हैं, दाना-पानी चुगते हैं और उड़ जाते हैं। मित्र हो ऐसा जो मछली की तरह चाहे
सुख हो या दुःख हर हाल में पानी के साथ रहे। 11 अपने मित्र के केवल मित्र बनिए, उसके अभिभावक या
उपदेशक नहीं। सुख में उसके साथ चलिए, पर दुःख
आ जाए तो उसे अपनी बाँहों में थाम लीजिए। 11 मित्र से कोई ग़लती हो जाए तो उसे वैसे ही नज़र
अंदाज़ कर दीजिए जैसे माटी पर खींची गई लकीर, पर यदि उसने आपका कोई भला किया है तो उसे वैसे ही
याद रखिए जैसे पत्थर पर उकेरी गई लकीर। 11 मज़ाक में भी अपने मित्र को ठेस मत पहुँचाइए। दुःख
देने वाले दुनिया में वैसे भी बहुत हैं। मित्रता का अर्थ है : प्रेम और सुख का दरिया कि जिसकी हवा का एक झोंका भी आदमी को सुकून दे।
8288609009885088888888888888862855295200999999999999993500NRIMRANORMe
l oddoor
For Personal & Private Use Only
Page #67
--------------------------------------------------------------------------
________________
1/ महापुरुष तो दुश्मनों की भी ग़लतियों को माफ़ कर देते
हैं, आप कम-से-कम अपने मित्र की ग़लती को तो
माफ़ करने का बड़प्पन अवश्य दिखाइए। 1 संभव है : ईश्वर नहीं चाहता कि दुनिया का हर आदमी
अमीर और ताक़तवर बने, पर वह यह तो ज़रूर चाहता है कि हम सब एक-दूसरे के दोस्त बनें। 1। अपनी सुबह की प्रार्थना में एक काम ज़रूर करें : अपने
दोनों हाथ आसमान की ओर ऊपर उठाकर यह भावना भाएँ कि मैं सबका मित्र हूँ और सब मेरे मित्र हों। मेरा किसी से कोई वैर नहीं है, हम सब एक-दूसरे को प्रेम
और माधुर्य प्रदान करें। 1/ सारी दुनिया का एक ही नारा हो : हम सब साथ-साथ हैं। अगर आप मुझसे आगे चलेंगे तो संभव है कि मैं आपका अनुसरण न कर पाऊँ और यदि पीछे चलेंगे तो यह भी मुमकिन है कि मैं आपका पूरा नेतृत्व न कर पाऊँ। इसलिए संगच्छध्वं... संवदध्वं.... हम सब साथसाथ चलें, साथ-साथ आगे बढ़ें।
&
00000000000
908602086692-130000000000002
androidc0000000
MARTAstotoo
For Personal & Private Use Only
Page #68
--------------------------------------------------------------------------
________________
सेहत के ग्यारह मंत्र
सुधारिए खान-पान
ZIR जीवन-शैली
अच्छी सेहत के लिए अपनी जीवन-शैली और खान-पान को सुधारें। सूरज उगे, उससे पहले उठ जाइये और हर दिन उगते सूरज का अभिवादन कीजिए। सुबह आँख खुलते ही एक मिनट तक प्यार से मुस्कुराइये। यह सुबह का विटामिन आपको दिनभर मुस्कान से भरे रखेगा। सुबह उठते ही खाना-पीना शुरू मत कीजिए। पहले शौच-क्रिया से निवृत्त हो लीजिए और स्नानध्यान के बाद ही सुबह का दूधनाश्ता लीजिए। सुबह खाली पेट टहलने अथवा स्वास्थ्यवर्धक योगासन करने की नियमित आदत डालिए। इससे तन-मन की जड़ता दूर होगी और जीवन में स्फूर्ति तथा संजीवनी का संचार होगा।
For Personal & Private Use Only
Page #69
--------------------------------------------------------------------------
________________
BHARATRAPRADHANGANJInearesInte
Jocom
• धैर्यपूर्वक भोजन कीजिए और भोजन के उपरांत एक गिलास छाछ भी पीजिए। तली हुई चीजों और बाजारू मिठाइयों से परहेज़ रखिए। भोजन में रेशेदार सब्जियाँ, दालें, अनाज, सलाद और फल को शामिल कीजिए और इस तरह हार्ट, बी.पी. और डायबीटिज जैसी बीमारियों को दूर भगाइए। पानी पीने में कंजूसी मत कीजिए। पानी हमें घातक बीमारियों से बचाता है और पाचन-क्रिया तथा रक्तसंचार-व्यवस्था को दुरुस्त रखता है। एक दिन में कमसे-कम सात-आठ गिलास पानी तो पी ही लिया जाना
चाहिए। • बढ़े नाखूनों को काटिए। हाथ धो-पौंछकर ही भोजन
लीजिए। इससे आप रोगों और जीवाणुओं के संक्रमण से बच जाएँगे। प्रतिदिन आधा-एक-घंटा अच्छी पुस्तकों को पढ़ने की आदत डालिए। पठन-पाठन की प्रवृत्ति बुढ़ापे में भी
For Personal & Private Use Only
Page #70
--------------------------------------------------------------------------
________________
आपके दिमाग़ को शार्प बनाए रखेगी।
नींद शरीर की बैटरी को चार्ज करती है। नींद पूरी ली जा सके, इसके लिए देर रात तक पढ़ने, टी.वी. देखने अथवा जागने की आदत से छुटकारा पाइए ।
,
चाहे ज़मीन पर बैठें या कुर्सी पर मगर सीधी कमर बैठिए, नहीं तो आप कमर दर्द और कुबड़ेपन के शिकार हो जाएँगे ।
-
स्वयं को मानसिक दबाव के बोझ और तनाव के मकड़जाल से मुक्त रखिए । प्रतिदिन 'क्रियायोग' की प्रक्रिया को दोहराइये ताकि तन-मन पर हावी ईर्ष्या, चिंता, घृणा, क्रोध और तनाव जैसी नकारात्मक मानसिकता से मुक्ति पाई जा सके और शांति, आरोग्य आनन्द और ज्ञान की सकारात्मक ऊर्जा उपलब्ध की जा सके।
आपका खानपान ही आपके खानदान की पहचान करवाता है। सदा वही खानपान कीजिए जो आपके खानदान को स्वस्थ और गरिमामय बनाएँ ।
For Personal & Private Use Only
69
Page #71
--------------------------------------------------------------------------
________________
कैसे जिएँ परिवार में
RR8308822089900
ॐ माता के आँचल से भावना मिलती है और पिता की आँखों से अनुशासन। हम दोनों की सम्मिलित रचना हैं। स्वयं में हम भावना का कोमल फूल भी खिलाए रखें और अनुशासन की
लक्ष्मण-रेखा भी बनाए रखें। to पिता जीवन की बगिया का
मालिक है और माँ उसकी माली।
मालिक को देखकर अपनी ख़ुश्बू महकिए लुटाइये और माली को देखकर
अपनी पंखुरियाँ। और
७ परिवार किसी पवित्र यज्ञ की तरह महकाइए है। इसे पूर्णता प्रदान करने का श्रेय
उसे ही मिलता है जो इसमें अपनी जितनी अधिक आहुतियाँ समर्पित
करता है। * संतान को मात्र सम्पत्ति नहीं, समय
और संस्कार भी दीजिए ताकि आपके घर में खिला पौधा आपको बरगद की विराटता और सुख की छाया दे सके।
35804
670
For Personal & Private Use Only
Page #72
--------------------------------------------------------------------------
________________
* बच्चों को केवल स्कूल जाना ही मत सिखाइये। बड़ों की अदब, सम्मान की भाषा और सबके साथ मधुरता से पेश आने की नसीहत भी दीजिए।
७ भाई-भाई के बीच मनमुटाव और स्वार्थ भावना का त्याग कीजिए, नहीं तो आपका घर नरक बन जाएगा। भाई के प्रति प्रेम और त्याग की भावना अपनाइये, घर का स्वर्ग सुरक्षित रहेगा।
सास-ससुर के चेहरे में माता-पिता का चेहरा देखिए और माता-पिता के चेहरे में भगवान् का । आपकी घरेलू समस्याएँ स्वतः हल हो जाएँगी ।
—
घर की शांति को पहली प्राथमिकता दीजिए। टूटा हुआ घर भूकंप से दरक चुकी दीवार की तरह दिखाई देता है, वहीं हिल-मिलकर साथ रहने वाला परिवार खिले हुए फूलों से इठलाती बगिया की तरह नज़र आता है।
७ घर आए मेहमान का प्रेम से आतिथ्य कीजिए। आपकी थोड़ी-सी मनुहार भी उनके लिए मिठाई पर बरक़ का काम करेगी।
For Personal & Private Use Only
71
Page #73
--------------------------------------------------------------------------
________________
कृपया अपनी पत्नी से झगड़ा मत कीजिए । क्या आपने झगड़ने के लिए उससे शादी की है। खुद को देकर हमारी व्यवस्थाओं में सहयोगी बनने वाली का आप भी सहयोग कीजिए ।
समाज में चंदा देना सौभाग्य की बात है, पर यदि आपका अपना भाई संकट से गुज़र रहा है तो संकटमोचक बनकर पहला सहयोग भाई को दीजिए, बाद में दीजिए समाज को ।
ध्यान रखिए, स्वार्थों का त्याग करना ही सच्चा धर्म है। अपने सम्बन्धों के बीच स्वार्थ को मत लाइये, वरना आप सम्बन्धों को भी व्यापार बना बैठेंगे ।
घर को स्वच्छ और व्यवस्थित रखिए, पर जितना यह ज़रूरी है उतना ही यह भी कि आप स्वयं भी स्वच्छ और व्यवस्थित रहें - मन से भी, वाणी से भी, कार्यशैली से भी ।
घर में तीख़ी ज़बान के कैक्टस नहीं, मीठी मुस्कान के गुलाब उगाएँ, जिसकी ख़ुश्बू से पड़ोसियों का दिल भी महक उठे ।
For Personal & Private Use Only
72
Page #74
--------------------------------------------------------------------------
________________
घर को बनाइए तपोवन
किसी को तन की समस्या है तो किसी को मन की। समस्या का समाधान है तपस्या । तप सब धर्मों का सार है, हर साधना और सिद्धि का आधार है । आप तप के साथ मंत्र - साधना भी कीजिए । तप तन को तपाएगा और मंत्र मन को ।
तपाइए
तन को साधिए मन को
. बालों का सफेद होना उम्र का तकाज़ा है पर मन का स्वच्छसफेद होना बहुत बड़ी साधना है । मन तो उस कोयले की तरह है जिसे किसी साबुन से नहीं, तप की आग में जलाकर ही सफेद किया जा सकता है ।
तन-मन में विकारों के उदयविलय का क्रम जीवनभर चलता रहता है । हम जीवन में तपस्या की आदत डालें, ताकि विकारों की वैतरणी से, धीरे-धीरे ही सही, पार पाया जा सके ।
For Personal & Private Use Only
73
Page #75
--------------------------------------------------------------------------
________________
आत्मलाभ के लिए किया गया कषायों का निरोध, शील का पालन, प्रभु-भक्ति और उपवास जैसा व्रत सब तप ही हैं।
यदि आप सदा सात्त्विक और सीमित आहार लेते हैं, तो आपको चिकित्सक के पास जाने की कभी ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी। आप तो स्वयं ही अपने चिकित्सक हो चुके हैं।
- महीने में एक उपवास करने की आदत तो डालिए ही, साथ ही पेट में जितना समाए उससे दो कौर कम खाइये, रात की बजाए दिन में खाने की आदत डालिए, मौनपूर्वक भोजन कीजिए, और बाजारू चीजों को खाने से परहेज़ रखिए, यह सब तप ही हैं।
- ध्यान रखिए, उपवास से पहले दो काम मत कीजिए : गरिष्ठ भोजन और दाम्पत्य सेवन । उपवास में मत कीजिए : गुस्सा और निन्दा | पर, उपवास में दो काम अवश्य कीजिए : शास्त्र का पठन और आत्मस्वरूप का चिंतन |
For Personal & Private Use Only
74
Page #76
--------------------------------------------------------------------------
________________
30000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000
* अपने शक्ति-सामर्थ्य के अनुरूप ही उपवास कीजिए।
समय और परिस्थिति का भी ध्यान रखिए। शक्ति से
अधिक उपवास करना हानिकारक हो सकता है। * जीवन में हो चुकी गलती का प्रायश्चित कीजिए, बड़े
बुज़ुर्गों का विनय करते हुए सबके साथ विनम्रता से पेश आइए, रोगी और पीड़ित लोगों की सेवा का सद्भाव रखिए, हर रोज आधे घंटा किसी पवित्र पुस्तक को पढ़ने की आदत डालिए, दस मिनट ही सही, आत्मस्वरूप का चिंतन करते हुए ध्यान कीजिए और देह-भाव पर नियंत्रण रखते हुए पवित्र और संयमित जीवन जीएं - यह तप का सच्चा स्वरूप है। - भाई-भाई अथवा सास-बहू में आ चुकी दूरियों को कम
करना, जीवन में पलने वाले दुर्गुणों और दुर्व्यसनों का त्याग करना और व्यापार में छल-प्रपंच से परहेज़ रखना तपस्या के ही अलग-अलग रूप हैं। आप कुछ ऐसा कीजिए कि आपका सारा जीवन ही तपस्या बन जाए और आपका घर भी आपका तपोवन।
58288993
0000000000000000000000000000000000000000000000
For Personal & Private Use Only
Page #77
--------------------------------------------------------------------------
________________
घर आया मेहमान भगवान के समान
घर आए मेहमान का सत्कार कीजिए। यह आपके सफल और प्रभावी व्यक्तित्व का चरण है। जिस घर में अतिथिजनों और संतजनों को भोजन करवाने के बाद भोजन किया जाता है, उस घर की तो मिट्टी भी माथे से लगाई जाए तो वह किसी मंदिर के चंदन की चुटकी का काम करती है ।
अतिथि देवो
भव:
पहले लोग घरों में गाय पालते थे, अब कुत्ते पालते हैं। पहले लिखते
:
थे अतिथि देवो भवः। अब लिखते हैं : कुत्ते से सावधान | चोरों के लिए भले ही ऐसा लिखिए, पर परिजनों और अतिथिजनों के सत्कार के लिए सदा तत्पर रहिए । घर आया मेहमान भगवान के समान होता है । गृहस्थ तो देने मात्र से धन्य होता है फिर इसमें पात्र-अपात्र का विचार क्या ? जो देता है, वह देवता है जो रखता है, वह राक्षस है । ईश्वर से
76
For Personal & Private Use Only
Page #78
--------------------------------------------------------------------------
________________
सदा यह प्रार्थना कीजिए कि हे प्रभु, तू मुझे सदा इतना समर्थ बनाए रखना कि इन हाथों से औरों की सेवा और सत्कार होता रहे।
हम पाते वही हैं जैसा हम औरों को देते हैं । बेहतर फल पाने के लिए कभी किसी को सड़ियल धान मत दीजिए । किसी को अपनी जूठन खिलाकर अपने लिए जूठन के बीज मत बोइए ।
घर के लिए जब भी गेहूँ खरीदें तो एक बोरी गेहूँ ज़्यादा खरीदिए, उनके लिए जो आपके घर बिन बुलाए मेहमान हो जाते हैं। याद रखिए ऐसे मेहमानों को प्रेमपूर्वक भोजन करवाने से घर का दारिद्र्य कम होता है ।
हर रोज इतना धर्म ज़रूर कीजिए कि आटा भिगोते समय दो मुट्ठी आटा अधिक भिगोएं ताकि मूक पशुओं को भी हमारे घर से चार रोटी रोज खिलाई जा सके और दुकान खोलते ही दस रुपए अलग से निकाल लीजिए ताकि घर या दुकान पर आया कोई याचक खाली हाथ न लौटे। दुनिया में आखिर पुण्याई ही हर समृद्धि और सफलता का आधार हुआ करती है ।
For Personal & Private Use Only
77
Page #79
--------------------------------------------------------------------------
________________
OGARDECORGANICHAR
MOBIN020505585RAMNIRMIRHARMERIA0000550000R
हम महावीर की तरह अपने वस्त्र तक का दान करके पूर्ण अपरिग्रही तो नहीं बन सकते और न ही कर्ण की तरह कवच-कुंडल देकर जीवन का दान कर सकते हैं, पर उनसे प्रेरणा लेकर 'फूल-पांखुड़ी' जितना तो देते रहने का संकल्प ले ही सकते हैं। जिस घर से याचकों को खाली हाथ लौटा दिया जाता है उस घर से लक्ष्मी चली जाया करती है, पर अगर 'फूल-पांखुड़ी' देते रहने की प्रवृत्ति बनी रहे तो वहां स्वयं विष्णु का वास होता है। यदि आप धन का दान नहीं कर सकते तो कोई बात नहीं, आपके पास जो ज्ञान और हूनर है आप उसे ही औरों को सिखाकर मानवता के मददगार बन सकते हैं। अपने मित्रों और कर्मचारियों के बेवक़्त में ज़रूर काम आइए। अगर उनकी मुश्किलों में आप उनके मसीहा नहीं बनेंगे, तो ज़रा सोचिए कि आखिर वे किसकी शरण में जाएँगे। कहते हैं अच्छे काम करने वाला स्वर्ग जाता है और बुरे काम करने वाला नरक। यदि किसी के मरने पर लोग कहते मिलें कि बड़ा अच्छा आदमी था तो समझ लीजिएगा कि वह स्वर्ग ही गया है। अच्छी मनोदशा, अच्छा व्यवहार और अच्छा कार्य ही जीवन का स्वर्ग है। जुबान को नरम रखिए, आंखों में शरम रखिए और दिल में रहम रखिए, स्वर्ग खुद आप तक चलकर आएगा।
RE
For Personal & Private Use Only
Page #80
--------------------------------------------------------------------------
________________
प्रेम ही प्रार्थना
guগুলি
* मन्दिर परमात्मा की प्रार्थना करने का
पवित्र घर है। वहाँ की शांति, स्वच्छता और सौम्यता हृदय को
अनायास सुकून देती है। . * उनके दिन भी धन्य हैं और रातें भी,
जिनकी आँखें हर सुबह मन्दिर के घण्टनाद के साथ खुलती हैं और जो शयन से पूर्व प्रभु की दिव्य वाणी का पठन, श्रवण या मनन करते हैं। र उनकी प्रार्थना की तो क्या किया, जिसका निर्माण हमने किया? प्रार्थना हो उसकी जिसने हमारा निर्माण किया। र मनुष्य से प्रेम, प्रेम का पहला चरण है। पशु-पक्षियों से प्रेम, प्रेम का विस्तार है। पेड़-पौधे, नदी-नाले
और चाँद-सितारों से प्रेम, प्रेम की
पराकाष्ठा है। " प्रेम परमात्मा है, परमात्मा प्रेम है।
पाइए
79
For Personal & Private Use Only
Page #81
--------------------------------------------------------------------------
________________
20550
0 000000000000000HReston
83087990000
मनुष्य का परमात्मा से प्रेम पूजा और प्रार्थना है। परमात्मा का मनुष्य से प्रेम प्रसाद और आशीर्वाद है। सुबह-शाम पूजा-प्रार्थना के लिए उन्हें बैठना पड़ता है जो शेष समय में भगवान को भूल जाते हैं। अपने हृदय में
भगवान की हर पल स्मृति रखना ही सच्ची भक्ति है। * हम अपना हर कार्य इस तरह संपादित करें जिससे हमारा हर
कर्म परमात्मा को अर्पित किया जाने वाला पवित्र अर्घ्य बन
जाए। " मन्दिर-मस्जिद पर माईक लगाकर लोगों को तो प्रार्थना
सुनाई जा सकती है, परन्तु प्रभु के श्रीचरण तक अपनी प्रार्थना के भाव पहुँचाने के लिए हृदय में प्रवेश पाना होता है, जहाँ
कि परमात्मा का साम्राज्य है। * समूह में भजनों को गाया जाता है और अकेले / एकान्त में
उन्हें गुनगुनाया जाता है। गुनगुनाने का आनन्द, गाने के आनन्द से सौ गुना अधिक होता है।
806680808050003080030050000
For Personal & Private Use Only
Page #82
--------------------------------------------------------------------------
________________
भजन की ताकत शब्द या बोल में नहीं, हृदय की उसके साथ जुड़ने वाली भावना में है। हृदय की भावना प्रार्थना और पुकार लिये हुए जब आँखों से निर्झरित होती है तो वह दशा ही सच्चा भजन कहलाती है ।
प्रभु के अलग-अलग रूप महज अलग-अलग जलने वाले दीये हैं । यदि रूपों के भेदों को अलग कर दिया जाए तो ऐसा कौन-सा दीप है जिसकी ज्योति दूसरे दीपक से भिन्न हो ।
जिनकी दृष्टि मात्र मिट्टी के दीयों पर अटक जाती है, उन्हें मिट्टी ही हाथ लगती है । जिनकी दृष्टि दीयों से ऊपर उठकर ज्योति पर केन्द्रित हो जाती है वे सहज ही ज्योतिर्मय हो उठते हैं ।
प्रार्थना पहला चरण है और ध्यान अगला । प्रार्थना में हम प्रभु से बातें करते हैं, जबकि ध्यान में प्रभु हमसे ।
अंतरात्मा की आवाज़ प्रभु का संदेश है। हमें जीवन में वही करना चाहिए, जैसा करने के लिए प्रभु का संदेश और आदेश हो ।
For Personal & Private Use Only
81
Page #83
--------------------------------------------------------------------------
________________
साधना के सालहसुझाव
योग अपनाएँ, रोग भगाएँ
, आध्यात्मिक स्वास्थ्य, शांति और
शक्ति के लिए ध्यानयोग संसार का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है। ध्यानसाधना का मार्ग हमें अन्तर्जगत में ले जाता है जहाँ परमात्मा का
साम्राज्य है। * ध्यान का लक्ष्य है : अंतर्मन की
शांति, अंतर्मन की शुद्धि, अंतर्मन में दिव्य आनंद की अनुभूति। हम श्वास, शरीर और अंतर्मन के साथ एकलयता साधे, और स्वयं को अधिकतम सहज और शांतिमय बनाएँ। ध्यान के प्रभावी परिणामों के लिए ध्यान की नियमित बैठक अनिवार्य है। समय, स्थान और प्रयोग नियत और नियमित हों तो ज़्यादा श्रेष्ठ
है।
* ध्यान साधना के पूर्व योगासन
करना सहज लाभप्रद है। इससे
82
For Personal & Private Use Only
Page #84
--------------------------------------------------------------------------
________________
६.
5555
सम्पूर्ण शरीर और नाड़ी-तंत्र जाग्रत और स्फूर्त होता है। योगासन के बाद कुछ देर तक प्राणायाम भी करें। इससे श्वसन-तंत्र स्वस्थ होगा, मस्तिष्क ऊर्जस्वित होगा और चित्त में स्थिरता आएगी। * ध्यान के लिए बैठे, तब अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा
की ओर रखें, जिससे हमें सूर्य और पृथ्वी की चुम्बकीय शक्ति का लाभ मिले। सहज सीधी कमर बैठें, लेकिन अकड़कर नहीं। मेरुदण्ड सीधा हो, ताकि प्रमाद न आए और सुषुम्ना नाड़ी-तंत्र का मार्ग प्रशस्त रहे। हाथ घुटनों पर रखें या गोद में। गोद में रखें तो बायें हाथ पर दायाँ हाथ रहे। * ध्यान ऐसे स्थान पर करें जहाँ शान्ति, स्वच्छता और
एकान्त हो। उस कक्ष में ध्यान करना अधिक श्रेष्ठ है, जिसका ध्यान के लिए नियमित उपयोग होता है।
0000000000000000000000000000000000000000000000283580000
0
S
MARAT 2005000
For Personal & Private Use Only
Page #85
--------------------------------------------------------------------------
________________
ध्यान में नियमित बैठक के लिए सूर्योदय का समय अधिक उपयुक्त है। सुबह के समय वातावरण में सहज शान्ति और सौम्यता रहती है ।
I
शुरुआत में ध्यान की बीस से तीस मिनट की बैठक हो । ज्यों-ज्यों तन-मन में शांति और सौम्यता आती जाएगी, बैठक का समय स्वतः एक घंटे तक बढ़ता जाएगा।
अति-तनाव और अति थकान में ध्यान करने की बजाय कायोत्सर्ग अर्थात् तन-मन के एक-एक अंग और मांसपेशी का रिलेक्सशन करना अधिक श्रेष्ठ है।
जब भी ध्यान में बैठें तो पहले शांत गति की कुछ गहरी साँस लें ताकि सम्पूर्ण शरीर में शुद्ध प्राणवायु की अतिरिक्त मात्रा पहुँचे । ध्यान में मन जब भी बाधित होता लगे तो दीर्घ श्वास के साथ ॐ का स्मरण करें ।
For Personal & Private Use Only
84
Page #86
--------------------------------------------------------------------------
________________
ANCIOG20000000000002509852060030:
N
3 00CROAPOOR
32003050202005000202000580020505052037800
* हृदय-स्थल अथवा दोनों भौंहों के मध्य तिलक-प्रदेश
पर ध्यान केन्द्रित करना विशेष सहयोगी है। हृदय शान्ति, समर्पण और प्रसन्नता का दिव्य केन्द्र है जबकि अग्र मस्तिष्क संकल्प, विश्वास और चिन्तन-शक्ति
का। , ध्यान-कक्ष में प्रकाश मंद हो, परमात्मा के इष्ट स्वरूप
और गुरु-मूर्ति का चित्र हो, ॐ जैसे मंत्र का प्रतीक भी
लगा हो तो और भी श्रेष्ठ है। * ध्यान रखें, भोजन सदा सात्त्विक करें। ताजा,
हल्का और पोषक भोजन करना साधना के लिए
उपयुक्त है और स्वास्थ्य के लिए भी। में विचारों को हमेशा स्वस्थ-सकारात्मक रखें। विपरीत निमित्त या वातावरण उपस्थित हो जाने पर भी मन की शांति को मूल्य दें और प्रत्येक परिस्थिति में प्रसन्न रहें।
0 0000504893300000
poroscopc000
80000000000000000000000000002600000000000000000000000000000022255000000000000366808686050000
85
For Personal & Private Use Only
Page #87
--------------------------------------------------------------------------
________________
ध्यान के बनियादी सूत्र
के जीवन के प्रत्येक पल का आनंद
लीजिए, प्रत्येक पल को आनंदपूर्ण बनाइये। अपनी विचारधाराओं में हम जब, जो, जैसा चैनल चलाएँगे, दृष्य, चिंतन और प्रेरणाएँ वैसी ही प्रकट होनी शुरू होंगी। अच्छी प्रेरणाओं के लिए दिमाग़ में हमेशा अच्छा चैनल चलाइये। * अपने दिमाग़ के आले में जमे हुए
जाले को साफ कीजिए। चिंता, तनाव, क्रोध, कुंठा की मकड़ियाँ इसमें रात-दिन जाले बुनती रहती हैं। प्रेम, प्रसन्नता और आत्मविश्वास के गुलदस्तों से अपने दिमाग़ को सौम्य और ऊर्जावान
बनाइये। * ईर्ष्या, द्वेष, लोभ और अहंकार ने
हर किसी के मन को घायल कर रखा है। आप दस मिनट ही सही, प्रतिदिन ध्यान करने की आदत डालिए। धैर्य और शांतिपूर्वक ध्यान धरने से घंटों, दिनों और कई
मन न लगे तो लगाएँ ध्यान
330000000000041880
For Personal & Private Use Only
Page #88
--------------------------------------------------------------------------
________________
दफा वर्षों वर्ष का निषेधात्मक चिंतन निरस्त हो जाता
है।
* जीवन से बुराइयों को हटाने के लिए अच्छाइयों को .
कीजिए। जैसे-जैसे हम सकारात्मकता को जीवन से जोड़ने में सफल होते जाएँगे, निराशा, कुंठा और क्रोध हमारे जीवन से स्वतः ० होते जाएंगे। * मन न लगे, तो ध्यान लगाएँ। ध्यान कल्पवृक्ष की तरह है। इसकी सुखद छाँव में मन की सारी उधेड़बुन और
इच्छाएँ स्वंतः शांत और तृप्त हो जाती हैं। * ध्यान में बैठने के लिए शांत वातावरण तलाशिए और यह
संकल्प करते हुए कि मैं स्वयं को भीतर से शांतिमय बना रहा हूँ, बस बाहर की शांति को भीतर लेते जाइए और आती-जाती प्रत्येक साँस का आनंद लेते हुए स्वयं को
शांतिमय बनाते रहिए। " ध्यान की हर बैठक का एक ही लक्ष्य रखिए – 'मैं स्वयं को शांतिमय, आनंदमय बना रहा हूँ।' इस संकल्पबोध को हर बैठक में हर बार प्रगाढ़ करते जाइये।
000020589940
IROINNARRIERecember
osdedeeo63005
NAVRANAGAR030000000000000000000000000000e
87
For Personal & Private Use Only
Page #89
--------------------------------------------------------------------------
________________
80000000000000000000000000000000000000036
इससे मन की चंचलता और अस्त-व्यस्तता स्वतः दूर होगी, चित्त शांत और एकाग्र होगा, मन की विकृत ग्रंथियाँ टूटेंगी और हम सहज ही आत्मिक सुख के
स्वामी बनेंगे। है जीवन में सहजता का गुण अपनाइए। विपरीत हालात में
भी स्वयं को सहज और प्रसन्न रखिए। जब ऋतुएँ भी बदलती हैं और दिन को भी रात का सामना करना पड़ता है, तब फिर क्यों न हर मुश्किल का हँसते हँसते
सामना किया जाए? है सचेतनता को जीवन के रास्ते का चिराग़ बना लीजिए।
अपने प्रत्येक कार्य को इतनी सचेतनता से कीजिए कि चूक होना असंभव हो जाए। सेविंग करते समय ब्लेड का कट आखिर इसलिए लगता है कि हम ध्यान चूक
जाते हैं। • अपने आपको हर हाल में सकारात्मक रखिए। अच्छी
सोच और अच्छा नज़रिया उस सूरज और चाँद की तरह हैं जो हर हाल में हमें ऊर्जा और आलोक देते हैं। * अपने मन को सदा स्वतंत्र रखिए। कमल की पंखुड़ियों
को सदा याद रखिए और स्वयं को धन, परिवार, व्यापार की सक्रियता के बीच भी निर्लिप्त रखिए। आप अधिक सुखी जीवन जी सकेंगे।
330000000000000000000
2363003888888880
1 339838
0 8050082250852068
888888888888888888888888888888290989658000
RR
For Personal & Private Use Only
Page #90
--------------------------------------------------------------------------
________________
शांत रहिए, अधिकतम मुस्कुराइए
स्वयं का शांतिमय होना घर, समाज और अध्यात्म की सबसे बड़ी सेवा है। जो स्वयं शांतिमय होते हैं, वही दूसरों को शांति का सुकून दे सकते हैं।
शांति के
पावन पथ पर
जो अपने अन्तर्मन को शांतिमय और आनंदमय बनाते हैं, वे कमल
,
के फूल की तरह खिल उठते हैं । ऐसे लोग जहाँ भी रहते हैं, उनसे शांति और आनंद का स्वर्ग ही स्थापित होता है ।
यदि आप शांति - पथ का आनंद लेना चाहते हैं, तो कृपया हर रोज सुबह - शाम 20 मिनट तक शांत मंद श्वास लेते हुए उनका ध्यान कीजिए | यह धारणा रखिए कि मैं श्वास को शांत करते हुए अपने अन्तर्मन और उसकी उत्तेजनाओं को शांतिमय बना रहा हूँ । शुरू में भले ही उचाट लगे, पर ज्यों-ज्यों
For Personal & Private Use Only
89
Page #91
--------------------------------------------------------------------------
________________
शांति का बोध और लक्ष्य प्रगाढ़ होता जाएगा, आप अपने अस्तित्व से रूबरू होते जाएंगे।
हर श्वास अद्भुत है और हर सुबह नई जिंदगी की शुरुआत है । आप अपनी हर श्वास और हर कर्म का आनंद लीजिए। आपके जीवन में शांति का सौन्दर्य बढ़ता जाएगा।
शांति के लिए महज एकांत मत ढूंढते रहिए, वरन् अपने भीतर एकांत का निर्माण कीजिए । स्वयं के एकत्व का बोध ही जीवन का सच्चा एकांत है ।
जीवन में सदा मुस्कुराइए किसी बुद्ध या अमृत-पुरुष की तरह । एक मुस्कुराहट सौ तनावों को दूर करती है और वातावरण को ख़ुशनुमा बनाती है । आप पहले मुस्कुराइए, फिर देखिए इसका कैसा जादुई प्रभाव पड़ता है ।
आप शांतिपूर्वक बैठिए और सावचेत होकर श्वसन-क्रिया
—
For Personal & Private Use Only
90
Page #92
--------------------------------------------------------------------------
________________
28580000000000000000252522000000000202
30000000000000000000000000000000000000000RRRRRR
कीजिए। दिमाग़ में शांति और मुस्कान के भाव को सघन करते जाइए। याद रखिए दिमाग में विषाद का चैनल चलाएंगे तो हम विषादग्रस्त होंगे और शांति का चैनल चलाएंगे तो हम अपनी जीवंतता और अस्तित्वता
को उपलब्ध होंगे। - आप अपने लिए मुस्कुराइए, परिवार की ख़ुशी के लिए
मुस्कुराइए, समाज के सुखद वातावरण के लिए मुस्कुराइए, भावी पीढ़ी की सुन्दरता के लिए मुस्कुराइए। मुस्कुराता इंसान बालक की तरह सबको
मुग्ध करता है। वह विश्व शांति का सच्चा पुजारी है। - आप आध्यात्मिक रूप से जाग्रत होइए, सम्यक् ज्ञान
धारण कीजिए और सबसे प्रेम करने की दिव्य प्रकृति के मालिक बनिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप निश्चय ही इंसान नहीं है। तो फिर क्या हैं ? भगवान
ORImanarainian
R ORAam
X48390090050542008
1442000000000000
For Personal & Private Use Only
Page #93
--------------------------------------------------------------------------
________________
@ जो इंसान मुक्त है, शांति और आनंद से भरपूर है, प्रेम
और ज्ञान से ओत-प्रोत है वही बुद्ध और सम्बुद्ध है। हमारे सबके हृदय में ऐसा बुद्ध-सम्बुद्ध पुरुष छिपा हुआ है। आप अपने से भीतर मिलिए और अपने बुद्ध
को जागृत कीजिए। @ यदि आप किसी को देखें कि वह बहुत समझ-बूझ रखता है, सबके प्रति प्रेम और मैत्रीपूर्ण है, अपने नेक कार्य में तत्पर है, सदा मुस्कुराता है और कमल की तरह सुन्दर लगता है, तो आप कह सकते है - आप देव पुरुष लग रहे हैं, जिनकी छाया सबके लिए मंगलकारी और कल्याणकारी है।
For Personal & Private Use Only
Page #94
--------------------------------------------------------------------------
________________
कैसे करें नववर्ष में प्रवेश
सोचिए, आपने बीते वर्ष की शुरुआत जिन संकल्पों के साथ की थी, क्या आप उन्हें पूरा करने में सफल हुए ? यदि हाँ, तो आप तारों में पूनम के चांद हैं, पर यदि 70% ही संकल्पों को पूरा कर पाए तो आप सरोवर में खिले हुए कमल हैं। यदि 50% सफल हुए तो आप काँटों में भी खिले हुए गुलाब है, पर यदि ढाई संकल्प भी पूरे न कर पाए, तो आपका मन शेखचिल्ली के अलावा कुछ भी नहीं है। कृपया अपने कमज़ोर मन को नववर्ष की पहली किरण पाते ही विश्वास, प्रार्थना और सफलता की आध्यात्मिक ऊर्जा से भर लीजिए। सोचिए, आपके घर-आँगन में आए नववर्ष के सूर्योदय को आप किस तरह सार्थकता प्रदान करेंगे?
नववर्षमगलमय
हो ।
For Personal & Private Use Only
Page #95
--------------------------------------------------------------------------
________________
RAMHARANA260448620960900-5900904200000
B
6 नववर्ष को शांति, शक्ति और प्रगति का वर्ष बनाइए। मन में यदि किसी के प्रति ख़ार हो, तो उसे गड़े हुए काँटे की तरह दिल से निकाल फेंकिए। भला, जब बीते वर्ष का कैलेंडर आप अपनी दीवार से उतार चुके हैं तो फिर दिल में पुराने ख़ार का बुख़ार क्यों ढोया जाए? अपने हृदय में धरती के लिए सम्मान जगाइए, सबके लिए शांति और खुशहाली की प्रार्थना कीजिए, आलोचकों को क्षमा कीजिए और हितैषियों के लिए अपनी मंगल मैत्री और शुभकामनाएँ समर्पित कीजिए - इस तरह उत्साहपूर्वक शुरुआत कीजिए नववर्ष की। जितने सच्चे दिल से आपने नववर्ष की सफलता की प्रार्थना की है, वर्षभर अपने हर दिन की शुरुआत भी ऐसे ही प्रसन्न हृदय और ईश्वरीय प्रार्थना से करते रहें, ताकि वर्ष का पहला दिन ही नहीं, आख़िरी दिन भी ऊर्जा, उत्साह और उमंग से भरा हुआ हो।
8888888888828038805
8
8280300963002050
andgespandanMedias
HASRpurTRIEncate
MIRRONI
For Personal & Private Use Only
Page #96
--------------------------------------------------------------------------
________________
• याद रखिए, इन्सान केवल मेहनत से ही नहीं कमाता।
पुण्याई ही समृद्धि और सफलता का राज़ है। पुण्य प्रबल हों तो मिट्टी भी सोना उगलने लगती है। पुण्य की पूंजी कमज़ोर पड़ जाए तो सोना भी दगा दे जाता है। पुण्य चाहिए तो भलाई कीजिए और नीयत साफ़ रखिए। दस रुपए और एक मुट्ठी आटा ही सही, दीन दुःखीजनों की मदद के लिए अवश्य उपयोग कीजिए। जो दूसरों के लिए उपयोगी' नहीं बन सकते, वे कभी 'योगी' नहीं बन सकते। स्वयं के लिए संन्यास लेने वाले महापुरुषों को भी आखिर मानवता के लिए कुछ करके ही तृप्ति और मुक्ति मिली है। आए मेहमान को बोझ नहीं, सेवा और आशीर्वाद का अवसर समझिए। जिस घर में गुरुजनों, संतजनों और अतिथिजनों का आदर और आतिथ्य होता है, उस घर की तो माटी भी मंदिर के चंदन की तरह सिर पर लगाने
waobaded
5000000000000575330000
adioRRESPONSORP
ORAprone
ansastreliyon-Speprptio-easeumat
asthanesemrapsicumperitsaree
Happy
R
ve Year
For Personal & Private Use Only
Page #97
--------------------------------------------------------------------------
________________
योग्य होती है। * गुस्सा बहुत कर चुके हैं, अब प्रेम का पथ अपनाइए।
क्रोध तो लुहार का हथौड़ा है जिसकी चोट तो एक होती है पर टुकड़े दो करता है। सुनार की हथौड़ी बनिए जिसकी ठोकापीटी भी सोने का कंगन और माथे के मुकुट का निर्माण करती है। कृपया अपना पेट सुधारिए, शरीर स्वतः सुधर जाएगा। मस्त रहिए, मन सुधर जाएगा। आधे घंटे ही सही,
भजन अवश्य कीजिए, आपका भव-सुधर जाएगा। @ नववर्ष पर संकल्प लीजिए कि हम इस वर्ष ऐसा कुछ
न-कुछ अवश्य करेंगे जिससे हमारे जीवन में मुस्कान उभरे, रिश्तों में मिठास आए और हमें हमारी आत्मिक समृद्धि उपलब्ध हो।
For Personal & Private Use Only
Page #98
--------------------------------------------------------------------------
________________ UC CES S ऊँचा लक्ष्य + महान सोच बेहतर कार्यशैली सफलता युवाओं की जिंदगी में जान फूंकने वाली यह एक ऐसी किताब है जो यह बताती है कि सही निशाने के लिए एक ही तीर काफी है, अगर वह सही जगह लगे तो / महान जीवन-द्रष्टा पूज्य श्री चन्द्रप्रभ की लोकप्रिय पुस्तक 'सफल होना है तो...' पराजित और बूढ़ी हो चुकी चेतना को फिर से ऊर्जावान बनाने की प्रेरणा है। मामला चाहे केरियर-निर्माण का हो या व्यक्तित्व-विकास का, पारिवारिक परिवेश का हो या व्यापारिक, यह पुस्तक आपको आपके हर क्षेत्र में सूरज की रोशनी प्रदान करती है। इस पुस्तक का हर पन्ना ही नहीं वरन् हर पंक्ति आपको आपके जीवन की ऊर्जा और उजास देती है। पुस्तक का हर शब्द उतना ही कीमती है जितना कि आपके लिए आपका केरियर-निर्माण / श्री चन्द्रप्रभ की यह प्रेरणा आपके भीतर एक नई चेतना जगा सकती है कि काम करने वालों के लिए काम कभी ख़त्म नहीं होता बल्कि उनके लिए हर रोज़ एक नया काम तैयार रहता है। संसार में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसके द्वार पर भाग्योदय का अवसर उपस्थित न होता हो, पर जो उसका स्वागत करने को हर समय तत्पर नहीं रहते हैं, उनके घर से वह उल्टे पैर लौट जाया करता है / बुद्धिमान अवसर की इंतजारी नहीं करता, वरन् अपने लिए नए अवसर पैदा भी कर लेता है। आप हैलीकॉप्टर से शिखर पर चढने के सपने बाद में देखिएगा, पहले उस ओर बढ़ने का क़दम तो उठा ही लीजिए। यह पुस्तक आपके लिए किसी जादुई चिराग से कम नहीं है / यह आपको दिखाती है आपके जीने का महान लक्ष्य, बताती है जीने का सही सकारात्मक रास्ता, बनाती / है साधारण सोच से ऊपर उठाकर असाधारण सोच का मालिक, जगाती है नपुंसक हो चुकी चेतना में आत्मविश्वास की अलख।। For Personal & Private Use Only