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अपनी जिज्ञासा को महान बनाइए ।
सफलता के लिए इच्छाशक्ति चाहिए और इच्छाशक्ति के लिए उत्साह । उत्साह से किया गया हर कार्य सफलता का सुख देता है ।
योजना धैर्य से बनाइये और काम पूरी गति से कीजिए । आप तब तक मत रुकिए जब तक लक्ष्य हासिल न हो जाए।
अपनी सफलता के लिए हर कोई प्रयत्नशील होता है, आप औरों की सफलता के लिए भी सहयोग कीजिए ।
१ कोशिश तबीयत से की जाए तो पत्थर का छोटा-सा कंकर भी आसमान में छेद कर सकता है ।
९ अपना कार्य इस तरह कीजिए कि वह आपकी
पहचान बन जाए ।
अपना मानसिक संतुलन मत खोइये, वरना आई हुई समस्या का सामना करने में आप असफल हो जाएंगे।
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