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आपकी ओर से यह कहना कि कह दो घर में पापा नहीं हैं, बच्चों को झूठ, छल और चोरी करने के लिए
उत्साहित करता है। 9 बच्चों पर केवल धन ही खर्च मत कीजिए, वरन् अपने बेशकीमती समय का भी निवेश कीजिए। याद रखिए, व्यापार अपनी जगह है, पर बच्चों के प्रति आपके कुछ महान कर्त्तव्य भी हैं, जिन्हें पूरा करके आप एक आदरणीय पिता की भूमिका अवश्य निभाएँ। उत्तम पिता वह नहीं है जो संतान को विरासत में सम्पत्ति दे, वरन् वह पिता उत्तम है जो संतान को श्रेष्ठ संस्कार दे। चोर और बिगड़ी हुई संतान का पिता कहलाने की बजाय बांझ या नपुंसक कहलाना ज़्यादा श्रेष्ठ है। अपने से छोटों को कोरे बड़े-बड़े उपदेश या भाषण मत दीजिए। जो आप उनसे कहना चाहते हैं उसे स्वयं करके उनके लिए आदर्श उदाहरण बनिये। छोटे स्वतः आपसे प्रेरणा की किरण प्राप्त कर चुके होंगे।
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