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अपने जीने के तरीके को सही-सकारात्मक बनाइए। जीने का ग़लत तरीक़ा है : ग़लत सोच > ग़लत नज़रिया > ग़लत वाणी > ग़लत व्यवहार > ग़लत आदत > ग़लत नियति = हिंसा, स्वार्थ और तनाव। जीने का सही तरीक़ा है : सही सोच > सही नज़रिया > सही वाणी > सही व्यवहार > सही
आदत > सही नियति = प्रेम, शान्ति और सम्मान। • अपने आप से पूछिए कि क्या आपने कभी अपनी
अन्तरात्मा की आवाज़ सुनी है? यदि नहीं तो अपने अन्तरमन से मुलाक़ात कीजिए। धैर्य और शान्ति धारण कीजिए, आपको भीतर से किसी शान्त संगीत की तरह आत्मा की प्रेरणाएँ प्राप्त होती हुई नज़र आएंगी। . . अपने बेटे की भुजा पर एक ताबीज़ बांधिए और कहिए इसे तब खोलना जब तुम ज़िन्दगी में किसी बड़ी मुसीबत से घिर जाओ। ताबीज़ में मंत्र लिखिएगा : 'बेटा धीरज रख। यह वक्त भी बीत जाएगा।' ओह, जब मुआफ़िक हालात बदल जाते हैं तो मुख़ालिफ़ हालात कौनसे चिरस्थायी रहेंगे।
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Men
2000
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