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कीजिए। दिमाग़ में शांति और मुस्कान के भाव को सघन करते जाइए। याद रखिए दिमाग में विषाद का चैनल चलाएंगे तो हम विषादग्रस्त होंगे और शांति का चैनल चलाएंगे तो हम अपनी जीवंतता और अस्तित्वता
को उपलब्ध होंगे। - आप अपने लिए मुस्कुराइए, परिवार की ख़ुशी के लिए
मुस्कुराइए, समाज के सुखद वातावरण के लिए मुस्कुराइए, भावी पीढ़ी की सुन्दरता के लिए मुस्कुराइए। मुस्कुराता इंसान बालक की तरह सबको
मुग्ध करता है। वह विश्व शांति का सच्चा पुजारी है। - आप आध्यात्मिक रूप से जाग्रत होइए, सम्यक् ज्ञान
धारण कीजिए और सबसे प्रेम करने की दिव्य प्रकृति के मालिक बनिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप निश्चय ही इंसान नहीं है। तो फिर क्या हैं ? भगवान
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