Book Title: Safal Hona Hai to Ek Tir Kafi Hai
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 57
________________ यह सफलता के साथ लोकप्रियता का अनमोल ख़ज़ाना भी आपको उपलब्ध करवाती रहेगी। । हर समय मुस्कुराने की आदत डालिए। यदि आपके चेहरे पर झुर्रियाँ छाने लगी हों और दांत गिरने लग गए हों, तब भी मुस्कुराना मत भूलिए। बूढ़े आदमी को भी स्वर्ग को जीने का पूरा हक है। याद रखिए, धरती पर रो तो कोई भी प्राणी सकता है, पर मुस्कुराने का सौभाग्य केवल हम इंसानों को है। फिर कंजूसी क्यों? सदा मुस्कुराहए और अपने क्रोध और तनाव पर विजय पाइए। जीवन में जब भी विफलता का अहसास हो तो मुँह लटकाकर बैठने की बजाय बचपन में सुना हुआ वह गीत गुनगुनाएँ : रुक जाना नहीं तू कभी हार के, काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के, ओ राही... ओ राही ओ राही... । you can 300500023880830660000000000000000000000000 156 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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