Book Title: Safal Hona Hai to Ek Tir Kafi Hai
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 80
________________ प्रेम ही प्रार्थना guগুলি * मन्दिर परमात्मा की प्रार्थना करने का पवित्र घर है। वहाँ की शांति, स्वच्छता और सौम्यता हृदय को अनायास सुकून देती है। . * उनके दिन भी धन्य हैं और रातें भी, जिनकी आँखें हर सुबह मन्दिर के घण्टनाद के साथ खुलती हैं और जो शयन से पूर्व प्रभु की दिव्य वाणी का पठन, श्रवण या मनन करते हैं। र उनकी प्रार्थना की तो क्या किया, जिसका निर्माण हमने किया? प्रार्थना हो उसकी जिसने हमारा निर्माण किया। र मनुष्य से प्रेम, प्रेम का पहला चरण है। पशु-पक्षियों से प्रेम, प्रेम का विस्तार है। पेड़-पौधे, नदी-नाले और चाँद-सितारों से प्रेम, प्रेम की पराकाष्ठा है। " प्रेम परमात्मा है, परमात्मा प्रेम है। पाइए 79 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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