Book Title: Safal Hona Hai to Ek Tir Kafi Hai
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 84
________________ ६. 5555 सम्पूर्ण शरीर और नाड़ी-तंत्र जाग्रत और स्फूर्त होता है। योगासन के बाद कुछ देर तक प्राणायाम भी करें। इससे श्वसन-तंत्र स्वस्थ होगा, मस्तिष्क ऊर्जस्वित होगा और चित्त में स्थिरता आएगी। * ध्यान के लिए बैठे, तब अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें, जिससे हमें सूर्य और पृथ्वी की चुम्बकीय शक्ति का लाभ मिले। सहज सीधी कमर बैठें, लेकिन अकड़कर नहीं। मेरुदण्ड सीधा हो, ताकि प्रमाद न आए और सुषुम्ना नाड़ी-तंत्र का मार्ग प्रशस्त रहे। हाथ घुटनों पर रखें या गोद में। गोद में रखें तो बायें हाथ पर दायाँ हाथ रहे। * ध्यान ऐसे स्थान पर करें जहाँ शान्ति, स्वच्छता और एकान्त हो। उस कक्ष में ध्यान करना अधिक श्रेष्ठ है, जिसका ध्यान के लिए नियमित उपयोग होता है। 0000000000000000000000000000000000000000000000283580000 0 S MARAT 2005000 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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