Book Title: Safal Hona Hai to Ek Tir Kafi Hai
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 85
________________ ध्यान में नियमित बैठक के लिए सूर्योदय का समय अधिक उपयुक्त है। सुबह के समय वातावरण में सहज शान्ति और सौम्यता रहती है । I शुरुआत में ध्यान की बीस से तीस मिनट की बैठक हो । ज्यों-ज्यों तन-मन में शांति और सौम्यता आती जाएगी, बैठक का समय स्वतः एक घंटे तक बढ़ता जाएगा। अति-तनाव और अति थकान में ध्यान करने की बजाय कायोत्सर्ग अर्थात् तन-मन के एक-एक अंग और मांसपेशी का रिलेक्सशन करना अधिक श्रेष्ठ है। जब भी ध्यान में बैठें तो पहले शांत गति की कुछ गहरी साँस लें ताकि सम्पूर्ण शरीर में शुद्ध प्राणवायु की अतिरिक्त मात्रा पहुँचे । ध्यान में मन जब भी बाधित होता लगे तो दीर्घ श्वास के साथ ॐ का स्मरण करें । Jain Education International For Personal & Private Use Only 84 www.jainelibrary.org

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