Book Title: Safal Hona Hai to Ek Tir Kafi Hai
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 96
________________ • याद रखिए, इन्सान केवल मेहनत से ही नहीं कमाता। पुण्याई ही समृद्धि और सफलता का राज़ है। पुण्य प्रबल हों तो मिट्टी भी सोना उगलने लगती है। पुण्य की पूंजी कमज़ोर पड़ जाए तो सोना भी दगा दे जाता है। पुण्य चाहिए तो भलाई कीजिए और नीयत साफ़ रखिए। दस रुपए और एक मुट्ठी आटा ही सही, दीन दुःखीजनों की मदद के लिए अवश्य उपयोग कीजिए। जो दूसरों के लिए उपयोगी' नहीं बन सकते, वे कभी 'योगी' नहीं बन सकते। स्वयं के लिए संन्यास लेने वाले महापुरुषों को भी आखिर मानवता के लिए कुछ करके ही तृप्ति और मुक्ति मिली है। आए मेहमान को बोझ नहीं, सेवा और आशीर्वाद का अवसर समझिए। जिस घर में गुरुजनों, संतजनों और अतिथिजनों का आदर और आतिथ्य होता है, उस घर की तो माटी भी मंदिर के चंदन की तरह सिर पर लगाने waobaded 5000000000000575330000 adioRRESPONSORP ORAprone ansastreliyon-Speprptio-easeumat asthanesemrapsicumperitsaree Happy R ve Year Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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