Book Title: Safal Hona Hai to Ek Tir Kafi Hai
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 81
________________ 20550 0 000000000000000HReston 83087990000 मनुष्य का परमात्मा से प्रेम पूजा और प्रार्थना है। परमात्मा का मनुष्य से प्रेम प्रसाद और आशीर्वाद है। सुबह-शाम पूजा-प्रार्थना के लिए उन्हें बैठना पड़ता है जो शेष समय में भगवान को भूल जाते हैं। अपने हृदय में भगवान की हर पल स्मृति रखना ही सच्ची भक्ति है। * हम अपना हर कार्य इस तरह संपादित करें जिससे हमारा हर कर्म परमात्मा को अर्पित किया जाने वाला पवित्र अर्घ्य बन जाए। " मन्दिर-मस्जिद पर माईक लगाकर लोगों को तो प्रार्थना सुनाई जा सकती है, परन्तु प्रभु के श्रीचरण तक अपनी प्रार्थना के भाव पहुँचाने के लिए हृदय में प्रवेश पाना होता है, जहाँ कि परमात्मा का साम्राज्य है। * समूह में भजनों को गाया जाता है और अकेले / एकान्त में उन्हें गुनगुनाया जाता है। गुनगुनाने का आनन्द, गाने के आनन्द से सौ गुना अधिक होता है। 806680808050003080030050000 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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