Book Title: Safal Hona Hai to Ek Tir Kafi Hai
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 63
________________ © यदि आप चाहते हैं कि आप श्रवणकुमार के पिता कहलाएँ, तो इसके लिए ज़रूरी है कि आप स्वयं श्रवणकुमार बनकर अपने माता-पिता के प्रति अपने दायित्व निभाने शुरू कर दीजिए। 9 बच्चों को पढ़ा-लिखाकर लायक बनाएँ, पर उस तरह का लायक भी न बनाएँ कि वे आपके प्रति ही नालायक साबित हो जाएँ। 9 संतान से वापसी की अपेक्षा न रखें तरुवर और सरोवर की तरह उन पर अपना स्वत्व लुटाएँ। आप केवल आज को महान् बनाएँ, आने वाला कल स्वतः अपनी महानता दरशाएगा। 9 संतान यह विवेक रखें कि माता-पिता की उपेक्षा करके कबूतरों को दिया गया दाना और मंदिर में किया गया अभिषेक कभी पुण्यमयी नहीं हो सकेगा। जिन्होंने हमें जीवन दिया और जीवन के आधार भी, उनके सुखदुःख के सहभागी बनकर ही हम आने वाली पीढ़ी के लिए 'माइतों की पुण्याई' की पूंजी छोड़कर जा सकेंगे। O यह अच्छी बात है कि आपका बच्चा 80% अंक लाता है, पर यदि उसे मुस्कुराने का भी वक़्त नहीं मिलता, तो ध्यान रखिए बच्चों की मुस्कान 80% मास से भी ज़्यादा क़ीमती है। NAPOORDARDAN R 900000000589880290008298560380869088000000000000000000000000000000000000000000000 dosco m dananddogd and98 8 89XM0X6000008800300380008 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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