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बच्चों का सूख बड़ॉ के हाथ)
9 बच्चे ईश्वर का प्रसाद हैं और
आपकी अनमोल धरोहर। उन्हें ऐसा अमृत सिंचन और आशीर्वाद दीजिए कि आने वाला कल उनके लिए महक भरी सुबह साबित हो
सके।
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उपदेशक
नहीं, उदाहरण बनिए
9 आपका घर आपके बच्चों की पहली पाठशाला है। अपने घर का वातावरण इतना सुव्यवस्थित और सुमधुर रखिए कि उसकी उजास, आपके बच्चों की भाषा और व्यवहार से प्रकट हो। 9 बच्चों का दिमाग किसी मूवी कैमरे
की तरह है। वे आपको वापस वही दिखाएंगे जो उनके कैमरे में दर्ज हुआ है। उनके सामने कभी गाली-गलौज या छलभरा बर्ताव न करें, अन्यथा उनके अश्लील और असभ्य आचरण के उत्तरदायी आप होंगे। O किसी के द्वारा यह पूछने पर कि
बेटा, क्या घर में तुम्हारे पापा हैं?
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