Book Title: Safal Hona Hai to Ek Tir Kafi Hai
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 30
________________ हर सुबह बीस मिनट ध्यान में बैठिए और श्वसन - क्रिया का अनुभव करते हुए अधिक से अधिक मुस्कुराइये । साँस लें तब भी मुस्कुराइये और साँस छोड़ें तब भी मुस्कराइएं । मुस्कान का ध्यान कीजिए और इस तरह तनाव, विषाद और हीन-भाव से अनायास मुक्त हो जाइए। ज़रा हम अपनी हालत पर गौर करें । जीवन स्वयं एक उत्सव है। हम इसे शिकवा - शिकायतों का शमशान न बनाएँ। जीवन के हर पल और हर साँस को मुस्कान का माधुर्य देते रहें जिससे अस्तित्व सूखा बाँस नहीं, सुख की बाँसुरी बने, जो देती रहे हमें शांति और आनंद का संगीत । अपने आप से पूछिए - खुशी चाहिए या नाखुशी ? अन्तरात्मा जो ज़वाब दे, उसे बटोरने के लिए पल भर की भी देर मत कीजिए। इसी समय मुस्कुराना शुरू कर दीजिये और चिंतामुक्त हो जाइये । Jain Education International For Personal & Private Use Only 29 www.jainelibrary.org

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