Book Title: Safal Hona Hai to Ek Tir Kafi Hai
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 51
________________ - खुद की गलतियों से निराश मत होइए। गलती किसी से भी हो सकती है। दुनिया में 10 बटा 10 तो कोई भी नहीं होता। गलती को गलती समझिए और उसे दुरुस्त कीजिए। .0 माना कि आज हमारी औकात बूंद जितनी होगी, पर बूंद से बूंद मिलाते रहें, तो एक दिन वही बिजली पैदा करने वाला बांध बन जाता है। बस, आप तो अपने आप से हमेशा कहते रहिए : मुन्नाभाई, लगे रहो ... लगन से। - दुनिया का कोई भी पत्थर एक ही बार में नहीं टूटता, पर दसवें वार में टूटने वाले पत्थर के लिए उन नौ वारों को अर्थहीन नहीं कहा जा सकता, जिनकी हर मार ने पत्थर को कमज़ोर किया था। - आप जहाँ हैं, अगर वहीं बैठे रहें तो कहीं नहीं पहुँचेंगे। शिखर को लक्ष्य बनाकर चलने वाले लोग भले ही शिखर तक न पहुँच पाएँ, पर छोटी-मोटी कई चोटियाँ तो पार कर ही जाएँगे। SUCCESS mission positiveness tant Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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