Book Title: Safal Hona Hai to Ek Tir Kafi Hai
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 29
________________ और उदास हो जाते हैं, तो सचमुच आप बुद्ध हैं। भला, जब बुद्धत्व का दरवाजा खुला है, तो बुद्धूपन के शिकार क्यों हों? जीवन में जहाँ दस तरह के दुःख हैं। वहीं दस तरह के सुख भी हैं। विपरीत निमित्तों को पाकर स्वयं को संत्रस्त करने की बजाय नीला आकाश, उड़ती चिड़िया, खिले हुए फूल और चहचहाती गोरैया पर ध्यान दीजिए। वे आपको सुख और आनंद का नया सुकून दे जाएंगे। चेहरा देना कुदरत का काम है, पर उसे सुन्दर भाव देना आपके हाथ में है। आप अपने दिलो-दिमाग में सदा मुस्कान के फूल खिलाते रहें, आपकी खुश्बु औरों के दिलों पर राज करेगी। हाथ में खींची भाग्यरेखा में सीधा उलट-फेर तो नहीं किया जा सकता, पर हर हाल में मुस्कुराने की मानसिकता विकसित कर ली जाए तो दुर्भाग्य की अंगुली में भी सौभाग्य की अंगुठी पहनाई जा सकती है। Som 200200 5000-2000000000000000000000000000000000000002005000080925250806425000 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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