Book Title: Safal Hona Hai to Ek Tir Kafi Hai
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 32
________________ हीरे-मोती की तरह है। पहले मिठास और मर्यादा की तराजू पर तोलिए, फिर बोलिए ; अन्यथा जीभ तो बोलकर अंदर चली जाएगी, जूते बेचारे सिर को खाने पड़ेंगे। * उदासी को जीतिए, नहीं तो आप संसार के सुंदर उपवन में चिंता, तनाव और अवसाद के कांटों से भरे हुए बबूल भर बनकर रह जाएँगे। समय का मूल्य पहचानिए। सार्थक कामों में खर्च कियागया समय तिजोरी में सुरक्षित हो जाता है, वहीं बातों और गप्पों में हाँका गया समय कूड़ेदान में चला जाता है। * जीवन में बाधाओं से मत घबराइए। आखिर दुनिया में ऐसा कोई गुलाब नहीं है जो बगैर कांटों का हो। जीवन को फूलों की तरह सजाइए और खुशबू से सदा महकते रहिए। * हमेशा आधा गिलास भरा हुआ देखिए, आप भारी-से-भारी वातावरण से भी मुक्त होने में सफल हो जाएँगे। selessRIRAMADARAS00003 31 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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