Book Title: Safal Hona Hai to Ek Tir Kafi Hai
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 40
________________ मित्रता जीवन में माधुर्य घोलती है। हम नए मित्र अवश्य बनाएँ, पर पुराने मित्रों को न भूलें। नए मित्र अगर चांदी हैं तो पुराने मित्र सोना। असफल होना गुनाह नहीं है। अपनी हीनता और हताशा को घर के अटाले की तरह बाहर निकाल फेंकिए। पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ फिर से लग जाइये, एकन-एक दिन आप अपने इन्हीं क़दमों से एवरेस्ट तक को भी फ़तह कर लेंगे। दूसरों को हर समय उपदेश, आदेश और भाषण मत झाड़ते रहिए। जो आप कहना चाहते हैं उसे खुद कीजिए और इस तरह स्वयं दूसरों के लिए प्रेरक उदाहरण बनिए। किसी के द्वारा अपमान किये जाने पर महज़ मुस्कुरा दीजिए। उसे अपनी ओर से वह दीजिए जो आप अपने निर्मल हृदय से अच्छे से अच्छा दे सकते हैं। में जब भी किसी से मिलें, उन्हें कुछ-न-कुछ अवश्य देते रहें फिर चाहे वह धन हो, उपहार हो, प्रेम हो अथवा उसकी प्रशंसा। याद रखिए, सच्चा सुन्दर वही है जिसका हृदय कोमल, वाणी मधुर और कार्य तथा कृतियाँ सुन्दर हों। 39 saasCORATOPATNANATIONALANATIONAGAR- o steppermacompapurasusagesa Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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