Book Title: Safal Hona Hai to Ek Tir Kafi Hai
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 37
________________ 2456002068800323 80000000000000000 300000NISHNAMAILORocc000000000000069122000285033 Dogsoxcc0000888830888058825888888806 (८ जो अपने जीवन के बारे में कुछ सोचते ही नहीं हैं, वे नासमझ हैं। जो सोच-समझकर निर्णय लेते हैं वे बुद्धिमान हैं, पर साहसी लोग लिये हुए संकल्प और निर्णय को पूरा करने के लिए अपनी जान की बाजी लगा लेते हैं। ऐसे लोग ही कर पाते हैं जीवन के उज्जड़ खंडप्रस्थ को हरा-भरा समृद्ध इन्द्रप्रस्थ। जो केवल बातें. ही करते रहते हैं वे स्त्रीलिंग हैं, जो क्रियान्वित करते हैं वे पुल्लिंग हैं, पर जो न बात करते हैं न काम, वे मात्र नपुंसक हैं। । भगवान् कहते हैं : नपुंसकता तुम्हें शोभा नहीं देती। अपने हृदय में घर कर चुकी तुच्छ दुर्बलता का त्याग करो। कर्त्तव्यपथ तुम्हें बुला रहा है। घबराओ मत, प्रभु तुम्हारे साथ है। जीवन में मिलने वाली हर चुनौती हमें कर्म करने की प्रेरणा है। आग तो हर व्यक्ति के भीतर छिपी हुई होती है, बस उसे जगाने की जरूरत है। 20085504808000000000000000000000000 0 0 come on get set go... 36 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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