Book Title: Safal Hona Hai to Ek Tir Kafi Hai
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 14
________________ सुधार की किरण तलाशी जाए। मन में दूषित विचार की लहर उठते ही उसकी दिशा बदल दीजिए वरना भीतर की दिव्यता और पवित्रता खंडित हो जाएगी। स्वर्ग के रास्ते पर क़दम बढ़ाने के लिए अपना स्वभाव अच्छा बनाइये। गंदे स्वभाव से देवता तो क्या, आपके पड़ौसी भी नफ़रत करते हैं । ईश्वर का अनुग्रह पाने के लिए निष्पाप रहिए और निष्पाप होने के लिए सरलता को सीढ़ी बना लीजिए । • किसी पर झल्लाने की बजाय उसे काम करने की तहज़ीब सिखाएँ। डाँटना तभी चाहिए जब कोई एक ही गलती को तीन बार दोहरा बैठे। चिंता और उत्तेजना की आग का त्याग कीजिए । आखिर किसी भी जलती डाल पर शांति की चिड़िया नहीं बैठा करती । Jain Education International D For Personal & Private Use Only 13 94220 www.jainelibrary.org

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