________________
अवसाद से बचने की सर्वेश्रेष्ठ औषधि है प्रसन्न रहिए । '
भाई-भाई के बीच मनमुटाव और स्वार्थ भावना का त्याग कीजिए, नहीं तो आपका घर नरक बन जाएगा । भाई के प्रति प्रेम और त्याग की भावना अपनाइए, घर का स्वर्ग सुरक्षित रहेगा।
कृपया धीरज रखिए। आपका सिर माचिस की तीली नहीं है कि छोटी-सी रगड़ लगे और देखते ही देखते आग बबूला हो उठे।
'हर समय
• सात दिन के लिए अपने चिड़चिड़ेपन का त्याग कीजिए और फिर देखिये कि आपका आदर पहले से कितना
बढ़ा है।
याद रखिए
――
Jain Education International
कर्म तेरे अच्छे हैं तो किस्मत तेरी दासी । नीयत तेरी साफ है तो घर में मथुरा - काशी ॥
For Personal & Private Use Only
14
www.jainelibrary.org