Book Title: Pravachansara ki Ashesh Prakrit Sanskrit Shabdanukramanika
Author(s): Kundkundacharya, A N Upadhye, K R Chandra, Shobhna R Shah, H C Bhayani, Nagin J Shah
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 11
________________ * 81, 89; 2.34, 99, 104, 108; 3.21, 33 - आत्मानम् (देखो, - अप्पाणं णाप्पाणं, परमप्पाणं) अप्पो अल्प: 3.51 अफला अफला 2.24 अफले अफले 3.72 अबंधगो अबन्धक: 1.52 अब्भुट्ठाणं अभ्युत्थानम् 3.62 अब्भुट्ठाणप्पधाणकिरियाहि अभ्यु त्थानप्रधान- क्रियाभिः 3.61 अब्भुट्ठाणाणुगमणपडिवत्ती -अभ्युत्थाना-नुगमनप्रतिपत्ति: 3.47 अब्भुट्टिदो अभ्युत्थित: 1.92 अब्भुट्ठेया अभ्युत्थेया 3.63 अभव्याः 1.62 अभव्वा अभावे अभावे 2.64 अभावो अभावः 2.15, 16 - अभावो -अभाव: (देखो, तदभावो) अभिधुदो अभिधृत: 1.12 अभिगच्छदु अभिगच्छतु 1.90 - अभिजुत्तेसु -अभियुक्तेषु (देखो, पवयणा - भिजुत्तेसु) अभिभूय अभिभूय 1.30; 2.25 अभिमदा अभिमता 2.31 अभिरदा अभिरता: 1.73 Jain Education International 6 - अभिहदो - अभिहतः (देखो, समभिहदो) - अमरिंदा - अमरेन्द्राः (देखो, मणुयासुरामरिंदा) अमरो अमर: 2.20 अमुत्तं अमूर्तम् 1.41, 53, 54 अमुत्ता अमूर्ता : 2.39 - अमुत्ता -अमूर्ता (देखो, मुत्तामुत्ता) अमुत्ताणं अमूर्तानाम् 2.39 अमुत्तो अमूर्त: 1.55 अयं अयम् 2.17 अयदाचारस्स अयताचारस्य 3.17 अयदाचारो अयताचारः 3.18 असं अरसम् 2.80 अरहंतं अर्हन्तम् 1.80 अरहंता अर्हन्त: 1.45, 82 अरहंताणं अर्हताम् 1.4, 44 अरहंतादिसु अर्हदादिषु 3.46 अरहंते अर्हत: 1.3 अरहंतेहिं अर्हद्भिः 2.97 अरूवं अरूपम् 2.80 अलिंगग्गहणं अलिङ्गग्रहणम् 2.80 - अलोएसु - अलोकेषु (देखो, लोयालोएसु) - अलोयं - अलोकम् (देखो, लोयालोयं) -अवगद - अवगत (देखो, ववगदमोहो) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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