Book Title: Pravachansara ki Ashesh Prakrit Sanskrit Shabdanukramanika
Author(s): Kundkundacharya, A N Upadhye, K R Chandra, Shobhna R Shah, H C Bhayani, Nagin J Shah
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 35
________________ 30 तधा तथा 2.54 तस्स तस्य 1.17, 24, 26, 42, 48, तधोवदेसं तथोपदेशम् 1.82 60, 80; 2.15, 65, 70, 107; तप्पडिच्छगा तत्प्रत्येषकाः 3.27 3.11, 21, 36, 42, 74 तप्पडिबद्धा तत्प्रतिबद्धाः 3.58 तस्सम तत्समः 2.47 तब्भवं तद्भवत् 2.14 तह तथा 1.4, 16, 30, 67; 2.54, -तब्भाव- -तद्भाव (देखो, 82, 108 अतब्भाव-विसिट्ठा) तहा तथा 1.53, 68, 68, 76 - तब्भावो -तद्भावः (देखो, अतब्भावो) तहेव तथैव 2.65 तं तम् 2.52 ताए तया 3.54 तम्मय तन्मयम् 1.8 तावदि तावद् 1.70 तम्मयत्तादो तन्मयत्वात् 2.22 तासिं तासाम् 1.37 तम्हा तस्मात् 1.8, 20, 23, 27, 36, ति इति 1.36, 39, 39, 40, 42, 58, 45, 84, 86, 90; 2.9, 10, 59, 60, 62; 2.32, 91, 98 12, 13, 18, 28, 29, 30, तिक्कालणिच्चविसमं त्रैकाल्यनित्य33, 70,108; 3.70 विषमम 1.51 तम्हि तस्मिन् 3.21, 70 तिक्कालिगे त्रैकालिकान् 1.48 - तव- -तप- (देखो, तिगुणिदो त्रिगुणितः 2.74 णाणदंसणचरित्ततव-विरियायारं, तिगुत्तो त्रिगुप्त: 3.40 णाणदंसणचरित्ततवविरियायारे, तित्थं तीर्थम् 1.1 संजमतवणाणड्डा, संजमतवसंजुदो, तित्थयरे तीर्थकरान् 1.2 संजमतवसुत्तसंपजुत्तो) -तिदयं -त्रितयम् (देखो, तत्तिदयं) तवसा तपसा 3.28 तिधा त्रिधा 2.31 तव्विवरीदो तद्विपरीतः 2.81 तिमिरहरा तिमिरहरा 1.67 तवो तपः 3.27 -तिरिएस -तिर्यगेषु (देखो, मणुवतिरितवोधिगो तपोऽधिकः 3.68 तसा त्रसा: 2.90 -तिरिय- -तिर्यक्- (देखो, णरणा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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