Book Title: Pravachansara ki Ashesh Prakrit Sanskrit Shabdanukramanika
Author(s): Kundkundacharya, A N Upadhye, K R Chandra, Shobhna R Shah, H C Bhayani, Nagin J Shah
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 53
________________ ल रूवाणि रूपाणि 1.28 लुक्खेण रूक्षेण 2.74 रूवादिएहिं रूपादिकैः 2.82 लुक्खो रूक्षः 2.71 रूवादिगुणो रूपादिगुणः 2.81 -लेवी -लेपी (देखो, अप्पलेवी) रोगेण रोगेण 3.52 लेवो लेपः 3.51 -रोधो-रोधः (देखो, वदसमिदिदियरोधो) -लेवो -लेपः (देखो, णिरूवलेवो) लोगं लोकम् 3.60 -लक्खणाणं -लक्षणानाम् (देखो, लोग- -लोक- (देखो, इहलोगणिविविह-लक्खणाणं) रावेक्खो ) लक्खमणं लक्षमणम् 2.5 -लोगपदि -लोकपतिम् (देखो, लद्धं लब्धम् 1.61,76 सव्वलोगपदि) -लद्धं -लब्धः (देखो, जहालद्धं) लोगस्स लोकस्य 2.37 लद्धसहावा लब्धस्वभावाः 2.26 लोगालोगेसु लोकालोकयोः 2.44 ... लद्धसहावो लब्धस्वभावः 1.16 -लद्धो -लब्धवान (देखो. उवलदो) लोगिगजणसंभासा लौकिकजनसंभाषा लयं लयम् 1.80 3.53 लभदि लभते 1.70,79,81; 2.19. लोगिगजणसंसग्गं लौकिकजनसंसर्गम् 21, 29, 34, 103; 3.39,54, 3.68 56; 56, 60 लोगिगो लौकिक: 3.69 लहुणा लघुना 3.75 लोगे लोके 1.68 -लिंग- -लिङ्ग- (देखो, अलिंगग्गहणं) -लोगेसु -लोकयोः (देखो, लिंग लिङ्गम् 2.6; 3.5,7, 25 लोगालोगेसु) लिंगग्गहणे लिङ्गग्रहणे 3.10 लोगो लोकः 2.36, 44, 53,76 लिंगाणि लिङ्गानि 1.85 लोचावस्सयमचेलमण्हाणं लिंगेहि लिङ्गैः 2.38 लोचावश्यकमचेलमस्नानम् 3.8 लुक्खत्तं रूक्षत्वम् 2.72 -लोठ्ठ -लोष्ट (देखो, समलोढुकंचणो) लुक्खा रूक्षा: 2.73 लोयप्पदीवयरा लोकप्रदीपकराः 1.33 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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