Book Title: Pravachansara ki Ashesh Prakrit Sanskrit Shabdanukramanika
Author(s): Kundkundacharya, A N Upadhye, K R Chandra, Shobhna R Shah, H C Bhayani, Nagin J Shah
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 43
________________ 38 1.74 -परमत्थेसु -परमार्थेषु (देखो, अविदिद- परिणमदो परिणममानस्य 1.21 परमत्थेसु) परिणममाणा परिणममानाः 2.26 परमप्पाणं परमात्मानम् 2.91 परिणममाणो परिणममानः 1.65 परमाणुदव्वाणं परमाणुद्रव्याणाम् 2.69 परिणमिदा परिणमिताः 2.77 परमाणुपमाणं परमाणुप्रमाणम् 3.39 परिणामं परिणामम् 1.10; 2.29 परमाणू परमाणुः 2.45, 71 परिणामप्पा परिणामात्मा 2.33 परमेणं परमेण 3.7 परिणामसंबद्धं परिणामसंबद्धम् 1.36 परमो परमः 2.24 परिणामसब्भावो परिणामस्वभावः 1.9 परम्म परस्मिन् 3.26 परिणामसमुब्भवाणि परिणामसमुद्भवानि परसमओ परसमय: 2.6 परसमया परसमयाः 2.1 - परिणामस्स -परिणामस्य (देखो, परसमयिग परसमयिकाः 2.2 सगपरिणामस्स) परावेक्खं परापेक्षम् 3.6 -- परिणामा - परिणामाः (देखो, -परिक म्मा -परिकर्मा (देखो, अणुपरिणामा) ममत्तरहिद-परिकम्मा) परिणामादो परिणामात् 2.37,72, 88 - परिच्चत्त- - परित्यक्त- (देखो, -परिणामेहिं -परिणामैः (देखो, अपरिच्चत्त-सहावेण) सगपरिणामेहिं) परिणइं परिणतिम् 2.77 परिणामो परिणामः 1.7, 10; 2.7, परिणदप्पा परिणतात्मा 1.11 17, 29, 30, 33, 88, 89 परिणदस्स परिणतस्य 1.84 --- परिणामो - परिणामः (देखो, - परिणदो - परिणतः (देखो, सुहपरिणामो) धम्मपरिणदो) -परिमोक्खं -परिमोक्षम् (देखो, दुक्खपरिणमं परिणामः 1.60 परिमोक्खं) परिणमदि परिणमति 1.8, 9, 19, 32, -परियंतस्स --पर्यन्तस्य (देखो, पुदवी___35, 42, 52; 2.12, 31, 34, परियंतस्स) 95 परिवज्जामि परिवर्जयामि 2.108 -पारमाक्खा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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