Book Title: Pravachansara ki Ashesh Prakrit Sanskrit Shabdanukramanika
Author(s): Kundkundacharya, A N Upadhye, K R Chandra, Shobhna R Shah, H C Bhayani, Nagin J Shah
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 42
________________ - पदेसं -प्रदेशम् (देखो, अपदेसं, -पधाणेसु -प्रधानेषु (देखो, देहपधाणेसु) सपदेस) __-पधाणो -प्रधानः (देखो, सरागप्पधाणो) - पदे सत्तं - प्रदेशत्वम् (देखो, पप्पा प्राप्य 1.65, 83; 2.77, 78, 83 पविभत्तपदेसत्तं) पप्पोदि प्राप्नोति 3.75 पदेसमेत्तं प्रदेशमात्रम् 2.52 पब्भट्ठचारित्ता प्रभृष्टचारित्राः 3.67 पदेसमेत्तस्स प्रदेशमात्रस्य 2.46 - पभेदेहिं - प्रभेदैः (देखो, पदेसा प्रदेशाः 2.43,45, 49, 52 संठाणादिप्पभेदेहिं) -पदेसा -प्रदेशाः (देखो, णभप्पदेसा) पमत्तो प्रमत्तः 3.9 - पदे सादी - प्रदेशादयः (देखो, -पमाणं -प्रमाणम् (देखो, णाणप्पमाणं, दुपदेसादी) ___णेयप्पमाणं, परमाणुपमाणं) पदेसुब्भवो प्रदेशोद्भवः 2.45 - पमुहं - प्रमुखः (देखो, पदेसेसु प्रदेशेषु 2.86 पोग्गलदव्वप्पमुह) -पदेसेहिं -प्रदेशैः (देखो, सपदेसेहिं, -पमुहा -प्रमुखाः (देखो, पुढविप्पमुहा) मोहपदेसेहिं) -पयत्ता -प्रयता (देखो, अपयत्ता) -पदेसो -प्रदेशः (देखो, अपदेसो, - पयत्थ - पदार्थ (देखो, अप्पदेसो, सपदेसो) सुविदिदपयत्थसुत्तो) - पदो -पदः (देखो, पयदम्हि प्रयतायाम् 3.11 णिच्छिदसुत्तत्थपदो) पयदस्स प्रयतस्य 3.17 पदोसदो प्रद्वेषत: 3.65 पयदो प्रयतः 3.14 पदोसे -प्रद्वेषौ (देखो, रागपदोसे) -पयोग -प्रयोगः (देखो, -संपयोग) -पदोसो -प्रद्वेषौ (देखो, मोहपदोसो) परं परम् 1.15, 32, 36, 53, 89, 90; -पद्धंसी -प्रध्वंसी (देखो, उप्पण्णपद्धंसी) 2.102, 106; 3.33, 54, 71 पद्धंसो प्रध्वंस: 2.50 परदव्वं परद्रव्यम् 1.57 -पधाण- - प्रधान-- (देखो, परदव्वम्मि परद्रव्ये 3.21 अब्भुट्ठाणप्पधाणकिरियाहिं) परदो परतः 1.58 -पधाणे -प्रधानान् (देखो, आदपधाणे) परमं परमम् 1.62 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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