Book Title: Pravachansara ki Ashesh Prakrit Sanskrit Shabdanukramanika
Author(s): Kundkundacharya, A N Upadhye, K R Chandra, Shobhna R Shah, H C Bhayani, Nagin J Shah
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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आदसहावम्मि आत्मस्वभावे 2.2 -आदी -आदि (देखो, एगादी, आदा आत्मा 1.8, 12, 15, 16, 23, दुपदेसादी)
24, 24, 25, 35, 36, 46, -आदी आदीन् (देखो, मोहादी) 52, 66, 67, 70; 2.29, 30, -आदीणं -आदीनाम् (देखो, देहादीणं) 31, 33, 58, 92
आदीणि आदीनि 2.82 आदाय आदाय 3.7
-आदीदो -आदितः (देखो, हिंसादीदो) - आदि- -आदि- (देखो, आदीयदे आदीयते 2.94
इंदियादिविजई, णाणावरणा- -आदीसु -आदिषु (देखो, सयणासणदिकम्मेहि णाणावरणादिभावेहि ठाणचंकमादीस) मुच्छादिजणणरहिद, रूवादिगुणो, आदीहिं - आदिभिः (देखो, संठाणादिप्पभेदेहिं)
पच्चक्खादीहिं, मोहादीहिं) -आदिएसु -आदिकेषु (देखो, आपिच्छ आपृच्छ्य 3.2
दव्वादिएसु, देहादिएसु) -आबाध -आबाध - आदिएहिं - आदिकै : (देखो, (दखा, सव्वाबाधविजुत्ता) . मोहादिएहिं, रूवादिएहिं)
आमरणं आमरणम् 1.75 -आदिच्चो - आदित्यः (देखो, -आयारं -आचारम् (देखो, णाणदंसणजहादिच्चो)
चरित्ततवविरियायारं) आदिटुं आदिष्टम् 2.23
__-आयारे आचारान् (देखो, - आदित्तं -आदित्वम् (देखो. णाणदंसणचरित्त तववीरियायारे) दुपदेसादित्तं)
-आरंभं -आरम्भम् (देखो, पावारंभं) आदिपरिहीणा आदिपरिहीनाः 2 73 -आरंभ- - आरम्भ- (देखो. -आदिसु -आदिषु (देखो, अरहंतादिसु,
मुच्छारंभविमुक्कं) उववासादिसु)
आरंभो आरम्भः 3.21 _आदिहिं -आदिभिः (देखो उदयानिधि -आरद्धं -आरब्धम् (देखो, समारद्धं) . ओग्गहादिहिं, संठाणादिहिं)
- आरद्धे - आरब्धायाम् (देखो,
समारद्धे)
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