Book Title: Pravachansara ki Ashesh Prakrit Sanskrit Shabdanukramanika
Author(s): Kundkundacharya, A N Upadhye, K R Chandra, Shobhna R Shah, H C Bhayani, Nagin J Shah
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 14
________________ 9 आदसहावम्मि आत्मस्वभावे 2.2 -आदी -आदि (देखो, एगादी, आदा आत्मा 1.8, 12, 15, 16, 23, दुपदेसादी) 24, 24, 25, 35, 36, 46, -आदी आदीन् (देखो, मोहादी) 52, 66, 67, 70; 2.29, 30, -आदीणं -आदीनाम् (देखो, देहादीणं) 31, 33, 58, 92 आदीणि आदीनि 2.82 आदाय आदाय 3.7 -आदीदो -आदितः (देखो, हिंसादीदो) - आदि- -आदि- (देखो, आदीयदे आदीयते 2.94 इंदियादिविजई, णाणावरणा- -आदीसु -आदिषु (देखो, सयणासणदिकम्मेहि णाणावरणादिभावेहि ठाणचंकमादीस) मुच्छादिजणणरहिद, रूवादिगुणो, आदीहिं - आदिभिः (देखो, संठाणादिप्पभेदेहिं) पच्चक्खादीहिं, मोहादीहिं) -आदिएसु -आदिकेषु (देखो, आपिच्छ आपृच्छ्य 3.2 दव्वादिएसु, देहादिएसु) -आबाध -आबाध - आदिएहिं - आदिकै : (देखो, (दखा, सव्वाबाधविजुत्ता) . मोहादिएहिं, रूवादिएहिं) आमरणं आमरणम् 1.75 -आदिच्चो - आदित्यः (देखो, -आयारं -आचारम् (देखो, णाणदंसणजहादिच्चो) चरित्ततवविरियायारं) आदिटुं आदिष्टम् 2.23 __-आयारे आचारान् (देखो, - आदित्तं -आदित्वम् (देखो. णाणदंसणचरित्त तववीरियायारे) दुपदेसादित्तं) -आरंभं -आरम्भम् (देखो, पावारंभं) आदिपरिहीणा आदिपरिहीनाः 2 73 -आरंभ- - आरम्भ- (देखो. -आदिसु -आदिषु (देखो, अरहंतादिसु, मुच्छारंभविमुक्कं) उववासादिसु) आरंभो आरम्भः 3.21 _आदिहिं -आदिभिः (देखो उदयानिधि -आरद्धं -आरब्धम् (देखो, समारद्धं) . ओग्गहादिहिं, संठाणादिहिं) - आरद्धे - आरब्धायाम् (देखो, समारद्धे) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68