Book Title: Pravachansara ki Ashesh Prakrit Sanskrit Shabdanukramanika
Author(s): Kundkundacharya, A N Upadhye, K R Chandra, Shobhna R Shah, H C Bhayani, Nagin J Shah
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 25
________________ 20 -च –च (देखो, सच्च) -चरित्तेषु -चरित्रेषु (देखो, दंसणणाण- चंकं - - चक्र मण- (देखो, चरित्तेसु) सयणासणठाण-चंकमादीसु) चरियं चर्या 3.30 -चक्कधरा -चक्रधराः 1.73 -चरिय- -चर्या- (देखो, सागारणगारचक्खू चक्षुः 1.29 चरियजुत्ताणं) -चक्खू -चक्षुः (देखो, आगमचक्खू) चरियम्हि चरित्रे 1.79 चक्खू चक्षुषः 3.34 - चरियम्हि -चर्यायाम् (देखो, -चक्खू -चक्षुषः (देखो, ओहिचक्खू) रायचरियम्हि, विरागचरियम्हि) चक्खूणं चक्षुषः 1.28 -चरियया -चर्य या (देखो, - चक्खूणि - चशं षि (देखो, सागारणगारचरियया) इंदियचक्खूणि) चरिया चर्या 3.16, 46, 48, 54 चत्ता त्यक्त्वा 1.79; 2.94; 3.73 चागो त्यागः 3.20 - चदुक्के ण - चतुष्के न (देखो, चादुव्वण्णस्स चातुर्वर्णस्य 3.49 पाणचदुक्केण) चारित्तं चारित्रम् 1.7 चदुगुणणिद्धेण चतुर्गुणस्निग्धेन 2.74 चारित्ता -चारित्राः (देखो, पब्भट्ठचारित्ता) चदुहिं चतुर्भिः 2.55 -चारित्तो -चारित्रः (देखो, णट्टचारित्तो) चयं चयः 2.64 चिट्ठति तिष्ठन्ति 2.86 चयदि त्यजति 2.20, 58, 98; 3.68 चित्तं चित्रम् 1.51 -चरंति -चरन्ति (देखो, अणुचरंति) चित्ते चित्ते 3.20 चरणं चरणेन 3.29 चित्तेहिं चित्रैः 2.4; 3.35 चरदि चरति 3.14, 18 चित्तो चित्रः 2.40 चरदु चरतु 3.30 चिरं चिरम् 3.72 -चरित्त- -चारित्र- (देखो, णाणदंसण -चिरेण -चिरेण (देखो, अचिरेण) चरित्ततववीरियायारं, णाणदंसण- -चट्ठम्हि -चेष्टायाम् (देखो, चरित्त-तववीरियायारे) कायचे?म्हि) चरित्तादो चरित्रात् 1.6 -चे। -चेष्टा (देखो, आगमचेट्टा) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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