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८. लोगस्स सूत्र सूत्र विभाग ५३ sūtra part
8. logassa sutra आरुग्ग-बोहि-लाभ, समाहि-वर-मुत्तमं-दितु.............६. | arugga-bohiHabham, samāhi-vara-muttamam-dintu.................6. चंदेसु निम्मल-यरा, आइच्चेसु अहियं पयास-यरा. candesu nimmala-yarā, āiccesu ahiyam payāsa-yarā. सागर-वर-गंभीरा, सिद्धा सिद्धिं मम दिसंतु...........७. | sāgara-vara-gambhira, siddha siddhim mama disantu. ........ शब्दार्थ :
Literal meaning:१.लोगस्स उज्जोअगरे = लोक में उद्द्योत [प्रकाश करने वाले / लोक में | 1.logassaujjoagare = the enlighteners of the universe / the revealers of true स्थित सर्व द्रव्यों के यथार्थ स्वरूप को प्रगट करने वाले
nature of all the objects existing in the universe लोगस्स = लोक में, उज्जोअ = उद्योत, गरे = करने वाले
logassa = of the universe, ujjoagare = the enlighteners धम्म-तित्थ-यरे = धर्म रूपी तीर्थ का प्रवर्तन करने वाले
dhamma-tittha-yare = the establishers of religious order (path of salvation in
the from of religion] धम्म = धर्म रूपी, तित्थ = तीर्थ का, यरे = प्रवर्तन करने वाले
dhamma-tittha = of religious order, yare = the establishers जिणे = [राग द्वेषादि के विजेता की
jine = of the conquerors [of attachment, hatred etc.] अरिहंते = त्रैलोक्य पूज्यों की
arihante = worth worshipable in three worlds कित्तइस्सं = स्तुति करूंगा
kittaissam = i will eulogize चउवीसं पि केवली = चौबीसों केवलियों की
cauvisam pi kevali = all of twenty four kevalis चउवीसं पि = चौबीसों, केवली = केवलियों की
cauvisam = twenty four, pi = all of. kevali = kevalis २.उसभ-मजिअंच वंदे = श्री ऋषभदेव और श्री अजितनाथ को मैं 2.usabha-majiam ca vande = i am obeisancing to srirsabhadeva and sri ___ वंदन करता हूँ
afitanatha प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन - भाग - १
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Pratikramana Sutra With Explanation-Part-1
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