Book Title: Pratikramana Sutra Part 1
Author(s): Nirvansagar
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 300
________________ १. सांकेतिक शब्द एवं सूचनाएँ विधि विभाग १३ vidhi part 1. Notes and key words [८] मांडली में प्रतिक्रमण आदि क्रियां करते हो तो गुरु भगवंत से | [8] Say the sutras of the procedure after taking the permission from guru उनकी अनुपस्थिति में वडील से] आदेश ले कर विधि के सूत्र आदि | bhagavanta [from elder in their absence] if the rites like pratikramana is बोलें. सूत्र बोलने का आदेश मिलने पर तहत्ति कह कर आदेश को | being performed in group. On obtaining the permission to say the sutra, स्वीकार करें. accept the permission by saying tahatti. [९] गुरु भगवंत के साथ प्रतिक्रमण आदि क्रिया करते वक्त. गुरु भगवंत | [9] Rest of all should complete the kaussagga after completion of kaussagga के काउस्सग्ग पारने के बाद शेष सभी काउस्सग्ग पारे. .by guru bhagavanta while performing the rites like pratikramana with guru bhagavanta. [१०] प्रत्येक विधि पूरी करने के बाद, खमा... देकर दायां हाथ चरवले | [10] After completing every procedure, offering khama..., keeping the right या कटासणे पर रखकर, विधि करते जो कोई अविधि हुई हो, उन| hand over the caravala /katāsana, say vidhi karate jo koi avidhi hui ho, सबका मिच्छा मि दुक्कडं कहें. una sabakā micchā mi dukkadam. [११] जहाँ १] देवसिअशदेवसिओ 31 देवसिअं/देसिअं४] देवसिआए | [11] Where the word 1] devasia: 21 devasio: 31 devasiam / desiam: 41 या ५] दिवसो वइक्कंतो शब्द हो. वहां राइअ / पाक्षिक / चउमासी | devasiae or 5] divaso vaikkanto is present; there say the word | संवच्छरी प्रतिक्रमण में क्रमशः १] राइअ / पक्खिअ / चउमासिअ / संवच्छरिअ; 1] raia/pakkhia/caumasia/samvaccharia; २] राइओ / पक्खिओ | चउमासिओ / संवच्छरिओ; 2] raio/pakkhio/caumasio/samvacchario; ३] राइअं / पक्खिअं / चउमासिकं / संवच्छरिअं; 3) rāiam/ pakkhiam/ caumāsiam / samvacchariam; ४] राइआए | पक्खिआए | चउमासिआए / संवच्छरिआए एवं 4) rālāe / pakkhiāe / caumāsiāe / samvacchariāe and ५] राइ वइक्कंता / पक्खो वइक्कंतो । चउमासी वइक्कंता || 5] rai vaikkanta / pakkho vaikkanto / caumasi vaikkanta / प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन - भाग-१ 13 Pratikramana Sutra with Explanation - Part -1 Jain Education International For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org

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