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१९. अरिहंत चेइयाणं सूत्र
सूत्र विभाग ११८ sutra part
19. arihanta-celyanam sutra ठामि काउस्सग्गं = मैं कायोत्सर्ग करता हूँ
thāmi kāussaggam = i perform the kāyotsarga ठामि = मैं करता हूँ, काउस्सग्गं = कायोत्सर्ग
thāmi = i perform, kaussaggam = the kāyotsarga गाथार्थ :
Stanzaic meaning :अरिहंत भगवान की प्रतिमाओं की आराधना के लिये मैं कायोत्सर्ग करना | I wish to perform the kāyotsarga for the adoration of idols of arihanta चाहता हूँ. ......... १. | bhagavana...............
...........1. वंदन करने के निमित्त से, पूजन करने के निमित्त से, सत्कार करने के || perform the kāyotsarga...stanza 3] in order to obeisance, in order to worship. निमित्त से, सन्मान करने के निमित्त से, बोधि लाभ के निमित्त से, मोक्ष | in order to greet, in order tooffer respects, in order to attain bodhi [right faith], प्राप्त करने के निमित्त से... ..२. | in order to attain salvation.........
.................2. ...श्रद्धा से, बुद्धि से, धृति से, धारणा से और बढ़ती हुई अनुप्रेक्षा से मैं | ...with faith, with intellect, with a peaceful mind, without forgetting and with कायोत्सर्ग करता हूँ. .......... .........३. | increasing thoughts. ............
...............3. विशेषार्थ :
Specific meaning :तीन प्रकार की पूजा :
Three types of worship १.अंग पूजा :- जल, चंदन, पुष्प आदि से अरिहंत भगवान के अंगों | 1. anga puja [worship of the body] :- To worship the body of arihanta की पूजा करना.
___bhagavāna with water, sandal, flower etc. २.अग्र पूजा :- अक्षत (चावल), फल, नैवेद्य (मिश्री, मिठाई आदि).I 2. agra puja [worship in front of the body] :-To worship with aksata Iricel.
धूप, दीप आदि से अरिहंत भगवान के समक्ष पूजा fruits, naivedya (sugar candy, sweets etc.], incense, lamp etc. before करना.
arihanta bhagavāna. प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन - भाग-१
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Pratikramana Sūtra With Explanation - Part - 1 For Private & Personal Use Only
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