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११. जग चिन्तामणि चैत्य-वन्दन
सूत्र विभाग
दुःख, दुरिअ = दुरित, खंडण = नाश करने वाले अवर-विदेहिं तित्थयरा = महाविदेह क्षेत्र के अन्य तीर्थंकर
=
.
अवर = अन्य विदेहिं महाविदेह क्षेत्र के तित्थयरा = तीर्थंकर | चिहुं दिसि विदिसि = चारों दिशाओं और विदिशाओं में
चिहुं = चारों, दिसि = दिशाओं, विदिसि = विदिशाओं में जिं के वि जो कोई भी
=
जिं = जो, के = कोई, वि= भी
तीआणागय संपइ य = भूत काल में हुए हों, भविष्य काल में होने वाले हों और वर्तमान काल में हुए हैं ती = भूत काल में हुए हो, आणागय वाले हो, संपइ य = वर्तमान काल में हुए हैं | वंदउं जिण सव्वे वि =
भविष्य काल में होने
सर्व जिनेश्वरों को मैं वंदन करता हूँ वंद = वंदन करता हूँ. जिण = जिनेश्वरों को, सव्वे वि = सर्व
४. सत्ताणवइ सहस्सा = सत्तानवे [१७] हजार
सत्ताणवइ = सत्तानवे, सहस्सा = हजार
लक्खा छप्पन्न = छप्पन [ ५६ ] लाख
लक्खा = लाख, छप्पन्न = छप्पन
प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन भाग
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sūtra part
11. jaga-cintamani caitya-vandana agonies, duria = sins, khandana = the annihilator avara-videhim titthayarā = other tirthankaras of mahāvideha region
avara = other, videhim = of mahāvideha region, titthayarā= tirthankaras cihum disi vidisi = in all the directions and intermediate directions cihum = in all, disi = the directions, vidisi = intermediate directions jim ke vi = any of the
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tiāṇāgaya sampai ya = existed in the past, will exist in future and exists at present
ti = existed in the past, ānāgaya = will exist in future, sampai ya = exists at present
vandaum jina savve vi = i am obeisancing to all the jinesvaras
vandaum = i am obeisancing, jina = the jineśvaras, savve vi=to all 4.sattānavai sahassā = ninety seven thousand
sattānavai = ninety seven sahassā = thousand
lakkhā chappanna = fifty six lac
lakkhā = lac, chappanna = fifty six
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Pratikramana Sūtra With Explanation - Part - 1
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