Book Title: Prakirnak Sahitya Manan aur Mimansa
Author(s): Sagarmal Jain, Suresh Sisodiya
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan

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Page 11
________________ विषय-सूची लेख लेखक 1. प्रो० सागरमल जैन : आगम साहित्य में प्रकीर्णकों का स्थान महत्त्व, रचनाकाल एवं रचयिता 2. डॉ. अशोक कुमार सिंहः समाधिमरण सम्बन्धी प्रकीर्णकों की विषयवस्तु 3. डॉ. अशोक कुमार सिंहः समाधिमरणेतर प्रकीर्णकों की विषयवस्तु डॉ. सुरेश सिसोदिया 4. जौहरीमल पारख : प्रकीर्णकों की पाण्डुलिपियाँ और प्रकाशित संस्करण 5. प्रो० के० आर० चन्द्र : प्रकीर्णकों का पाठ निर्धारण 6. डॉ. प्रेमसुमन जैन : प्रकीर्णक साहित्य का कथात्मक वैशिष्ट्य 87 7. डॉ. धर्मचन्द जैन : प्रकीर्णक साहित्य में समाधिमरण की अवधारणा 8. डॉ. श्रीप्रकाश पाण्डेय : प्रकीर्णक और शौरसेनी आगम साहित्य 111 9. डॉ. सुरेश सिसोदिया : गच्छाचार (प्रकीर्णक) का समीक्षात्मक 165 अध्ययन 10. डॉ० हुकमचन्द जैन : चन्द्रवेध्यक प्रकीर्णक में 180 प्रतिपादित विनयगुण 11. डॉ. सुभाष कोठारी : गणिविद्या प्रकीर्णक एवं उसका अन्य प्राचीन ग्रन्थों में स्थान 12. डॉ. श्रीप्रकाश पाण्डेय : प्रकीर्णक और प्रवचनसारोद्धार 192 13. प्रो० सागरमल जैन : प्राचीनतम प्रकीर्णक : ऋषिभाषित 208 14. डॉ. रज्जन कुमार : तंदुलवैचारिक प्रकीर्णक और 224 आधुनिक जीव विज्ञान 15. 60 कन्हैयालाल दक : तित्योगाली प्रकीर्णक और प्राचीन जैन इतिहास 16. Prof. Walther : ISIBHASIYAIM 236 Schubring 17. Prof. C.S.Upasak : THE ISIBHASIYAI AND PALI 251 BUDDHIST TEXTS A STUDY 18. Lalit Kumar : THE DATE OF THE 259 DEVENDRASTAVA: AN ART-HISTORICAL APPROACH 184 230

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