Book Title: Prabandh Chintamani
Author(s): Merutungacharya, Hajariprasad Tiwari
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust

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Page 21
________________ (२२) कुमारपालका विद्याध्ययन करना (२३) बनारस के विश्वेश्वर कविका पत्तनमें आना प्रबन्धचिन्तामणि (२४) हेमचन्द्रसूरिका समस्यापूरण करना (२५) आचार्य और मंत्रीके बीचमें ' हरडइ ' का वाग्विलास (२६) उर्वशी शब्दको व्युत्पत्ति (२७) सपादलक्षके राजाके नामका अर्थखंडन (२८) पं. उदयचन्द्रका प्रबन्ध (३८) (३९) (२९) कुमारपालका अभक्ष्य भक्षणके निमित्त प्रायश्चित्त करना (३०) कुमारपालका अन्यान्य विहारोंका बनवाना (३१) यूकाविहारका प्रबन्ध (३२) सालिगवसहिकाके उद्धारका प्रबन्ध (३३) मठपति बृहस्पतिका अविनय (३४) मंत्री आलिगकी स्पष्टवादिता (३५) पं० वामराशिको क्षमाप्रदान करना (३६) सोरठ के दो चारणोंकी कविताविषयक स्पर्धा (३७) कुमारपालका तीर्थयात्रा करना स्वर्णसिद्धिकी इच्छा करना .... 17 .... 75 मंत्री चाहडका दानीपना (४०) कुमारपाल द्वारा राणा लवणप्रसादका भविष्यकथन (४१) हेमचन्द्रसूरिको लूतारोग लगना (४२) हेमचन्द्रसूरि और कुमारपालका स्वर्गवास (४३) अजयपालका राज्याभिषेक Jain Education International .... १० मंत्री वस्तुपाल - तेजपालका प्रबन्ध (१) वस्तुपाल - तेजपालकी जन्मवार्ता .... (४४) जैन मन्दिरोंका नाश करवाना "" (४५) कपर्दी मंत्रीको मरवा डालना (४६) महाकवि रामचन्द्रकी हत्या (४७) मंत्री आम्रभटका लडते हुए मरना (४८) अजयपालकी सन्तानोंका उल्लेख (४९) वीरधवलका प्रादुर्भाव .... ... **** ... .... (२) वीरधवलका तेजपालको अपना मंत्री बनाना (३) मंत्री तेजपालका धर्मभावसम्मुख होना ( ४ ) वस्तुपालकी तीर्थयात्राका वर्णन (५) (६) .... .... मंत्री तेजपालका आबूपर मन्दिर बनवाना वस्तुपालका शंखसजके साथ युद्ध करना For Private & Personal Use Only .... ... .... ... .... .... 6330 .... 600 .... .... .... 60.0 .... १०७ .... 25 १०८ 29 १०९ १०२ १०९ ११० 35 "" १११ "" "" ११२ ११३ "" ११४ ११५ ११६ "" ११७ "3 ११८ ११९ १२१-१३० १२१ "" 99 १२० "" 99 १२३ १२५ १२६ www.jainelibrary.org

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