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श्रीपद्मपुराण भाषाकी विषयसूची
पृष्ठ सं० पर्व सं०
१
पर्व सं०
विषय
१ मंगलाचरणादि पीठबंधविधान
२ श्रेणिक राजाका रामचन्द्र और रावणके चरित्र सुनने के लिए प्रश्न करनेका विचार
३ विद्याधर लोकका कथन
४ श्री ऋषभनाथ भगवानके माहात्म्य का कथन
५ राक्षसवंशी विद्याधरोंका कथन
६ वानरवंशी विद्याधरोंका कथन
७ रावणका जन्म और विद्यासाधनेका कथन
८ दशग्रीव रावणका कथन
2 बालीमुनिका केवलज्ञान और मुक्तिका कथन १० सहस्ररश्मि और अरण्य राजाका वैराग्य ११ मरुतके यज्ञका विष्ांस और रावण के
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३३
४७
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७८
६६
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दिग्विजयका कथन
११०
१३८
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१६३
१७१
१८५
१२ इन्द्रनामा विद्याधर राजाके पराभवका कथन १२३ १३ इन्द्र विद्याधर राजाके निर्वाण गमनका कथन १३४ १४ अनन्तवीर्य केवली के धर्मोपदेशका वर्णन १५ जना सुन्दरी और पवनंजय का विवाह १६ पवनंजय अञ्जनाके मिलापका वर्णन १७ श्रीशैल हनुमानकी जन्म कथाका वर्णन १८ पत्रनंजय अञ्जनाके पुनर्मिल पका वर्णन १६ रावणको चक्रप्राप्ति और राज्याभिषेक २० चौदह कुलकर, चोबीस तीर्थकर बारह चक्रवर्ती, नव नारायण नव प्रतिनारायण, नव बलभद्र और इनके माता पिता पूर्वभवकी नगरीनिके नाम आदिका कथन २१ व बहु कीर्तिधरका माहात्म्य वर्णन २२ राजा सुकौशलका माहात्म्य और उनके
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bi में राजा दशरथकी उत्पत्तिका वर्णन २२ राजा दशरथ और जनकको विभीषण कृत भयका वर्णन
२५६
२२२
२४ राणी कैकेई को राजा दशरथका वरदान २५ रामचन्द्रादि चार भाइयांके जन्मका वर्णन २२४
२२७ २३४
१६५ २०५
२६ सीता जौर भामण्डलका युगल जन्म २७ म्लेच्छनिकी हार और रामकी जीत २८ राम लक्ष्मणका धनुष चढावना और रामका सीतासे, भरतका लोकसुन्दरीसे विवाह २६ अष्टाहिका पर्वका आगमन और राजा दशरथक। धर्मोपदेश सुनना
२१२
२३८
२४ m
विषय
३० भामण्डलका रामचन्द्र लक्ष्मणसे मिलाप ३१ दशरथ राजाके वैराग्यका वर्णन
३२ दशरथ राजाका तप ग्रहण, रामका विदेशगमन, भरतका राज्याभिषेक
३३ राम लक्ष्मण द्वारा वज्रकरणका उपकार
२४ म्लेच्छोंके राजा रौद्रभूतिका वर्णन ३५ देवोंके द्वारा नगर वसाना और कपिल
ब्राह्मणका वैराग्य वर्णन
३६ वनमालाका लाभ वर्णन
३७ अनन्तवीर्यका वैराग्य वर्णन ३८ जितपद्माका उपाख्यान वर्णन
३६ देशभूषण केवलीका वर्णन
४० रामगिरिका वर्णन
पृष्ठ सं० २५३
२६०
४१ जटायु पक्षीका वर्णन
४२ दण्डक वनमें निवास वर्णन ४३ शम्बूकका वध वर्णन
४४ सीताका हरण वर्णन
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२७६
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५६६
३००
२०५
३१०
३१८
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३२५
३३०
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४५ रामका पाताललका में निवास वन
३३६
४६ लंका के मायामई कोटका वर्णन
३४३
३५०
४७ सुग्रीवका व्याख्यान वर्णन ४८ कोटिशिला उठानेका वर्णन ४६ हनुमानका लंकाकी तरफ गमन
३५४
३६२
५० महेंद्र और अञ्जनीका श्रीरामके निकटआना ३६६ ५१ रामको राजा गन्धर्नकी कन्याओंका लाभ ३६८ ५२ हनुमानको लंकासुन्दरीका लाभ वर्णन ५३ हनुमानका लंकासे लौटकर आनेका वर्णन ५४ राम लक्ष्मण का लंका गमन
३७०
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३८४
५५ विभीषण का रामसे मिलाप अर भामण्डल का आगमन वर्णन
५६ दोनों कटकनिकी सेनाका परिमाण ५७ रावणका सेनाका लंकासे आवनेका वर्णन ५८ हस्त प्रहस्तका मरण वर्णन
५६ हस्त प्रहस्त नल नीलके पूर्व भवका वर्णन ६० रामलक्ष्मणको अनेक विद्याओंका लाभ ६१ सुग्रीव भामंडलका नागफांससे छूटना अर हनुमान का कुम्भकरणकी भुजा फांसते छूटना रामलक्ष्मणको सिंह विमान गरुड विमानकी प्राप्तिको वर्णन
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