Book Title: Padarohan Sambandhi Vidhiyo Ki Maulikta Adhunik Pariprekshya Me
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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पदारोहण सम्बन्धी विधि रहस्यों की मौलिकता आधुनिक ...xv अविरत चल रही होगी।
आप जैन विधि विधानों के विषय में शोध प्रबंध लिख रहे हैं यह जानकर प्रसन्नता हुई।
ज्ञान का मार्ग अनंत है। इसमें ज्ञानियों के तात्पर्यार्थ के साथ प्रामाणिकता पूर्ण व्यवहार होना आवश्यक रहेगा।
आप इस कार्य में सुंदर कार्य करके ज्ञानोपासना द्वारा स्वश्रेय प्राप्त करें ऐसी शासन देव से प्रार्थना है।
आचार्य राजशेखर सरि
भद्रावती तीर्थ महत्तरा श्रमणीवर्या श्री शशिप्रभाश्री जी .. योग अनुवंदना!
आपके द्वारा प्रेषित पत्र प्राप्त हुआ। इसी के साथ 'शीध प्रबन्ध सार' को दैरवकर ज्ञात हुआ कि आपकी शिष्या साध्वी सौम्यगुणा श्री द्वारा किया गया बृहदस्तरीय शोध कार्य जैन समाज एवं श्रमणश्रमणी वर्ग हेतु उपयोगी जानकारी का कारण बनेगा।
आपका प्रयास सराहनीय है।
श्रुत भक्ति एवं ज्ञानाराधना स्वपर के आत्म कल्याण का कारण बने यही शुभाशीर्वाद।
आचार्य रत्नाकरसरि
जी कर रहे स्व-पर उपकार
अन्तर्हदय से उनको अमृत उदगार - मानव जीवन का प्रासाद विविधता की बहुविध पृष्ठ भूमियों पर आधृत है। यह न ती सरल सीधा राजमार्ग (Straight like highway) है न पर्वत का सीधा चढ़ाव (ascent) न घाटी का उतार (descent) है अपितु यह सागर की लहर (sea-wave) के समान गतिशील और उतारचढ़ाव से युक्त है। उसके जीवन की गति सदैव एक जैसी नहीं रहती। कभी चढ़ाव (Ups) आते हैं तो कभी उतार (Downs) और कभी कोई अवरोध (Speed Breaker) आ जाता है तो कभी कोई (trun) भी आ