________________
प्रस्तावनागत विषयावलो
विषय
له له له
م م
पृष्ठ १ न्यायदीपिका और अभिनव धर्मभूषण १ न्यायदीपिका (क) जैनन्यायसाहित्य में न्यायदीपिकाका स्थान और महत्व १ . (ख) नामकरण (ग) भाषा (घ) रचना-शैली (ङ) विषय-परिचय
१ मङ्गलाचरण २ शास्त्रकी त्रिविध प्रवृत्ति ३ लक्षण का लक्षण ४ प्रमाण का सामान्य लक्षण ५ धारावाहिक ज्ञान ६ प्रामाण्य-विचार ७ प्रमाण के भेद ८ प्रत्यक्ष का लक्षण ६ अर्थ और आलोक की कारणता १० सन्निकर्ष ११ सांव्यवहारिक प्रत्यक्ष १२ मुख्य प्रत्यक्ष
ه
ه ه
ه
ه ه
ه
ه
ع سه