Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
Publisher: 

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Page 17
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir भ भव। || भात्यावनिशेषः हेन्योर्मन्पापापरूपंकर्मतवानरने निमम्मेभयापिपापंकर्मकारयित्वापि || नसतुव्यसिअपरकिंकारायसीनिभायः 5 रचलवाग्वाणपिछोपिनसेगानिरनोभयेन कृष्णसे भुक्तंमानपिचार्जिनपरगृहेसाशंकयाकाफवतृष्णोदुर्मनियापकर्मनिरने नागापिसंतुष्यास 5 रखलोलापासोदात्कथमपिनदाराधनपरौनगृह्यांन ष्यिंहसितमपिभून्येनमनसा चारतो नस्यायत्रानंदोनिराधयः 1 तृष्णातिगुची नपथमनमानेकदुःखानिप्रदाशायामापिनानिदर्शयितुमाशोपार्ययने रखलइनि खलानांप || निक्षणपराचिदानिरीक्षकाणामालापा: नाचसंचुच्चारदानमंदमन इत्यादिक यांच्चैराहानरूपाः || For Private and Personal Use Only

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