Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
Publisher:
View full book text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir येपर्दैन नि अहंनेषांगसराणां अंतः स्फुरित हसिनध्यान दे स्मरेनियापियेगास ||धनपनिपुरोपनास्यानांपुरस्मात्यार्थनारनदीपर्नेनेने पार्थनादुरप दोर्पाः नान्ययेगा मराः विषयाक्षेपपर्यस्नानुहिर्यस्यसविषयाक्षेपपर्यसरिस्सम्याम्भूिनोहशिरवरिया सापनपिनाया सरूपमाह येक्नेधनपनि पुरस्मार्थनादबभा जोयेचाल्पत्वंदधातिविषयाक्षेपपर्यस्त्रबुद्देः तेषामंतःस्फुरितहसिनवास राणांस्मरेयंध्यानच्छेदेशिरवरिकुहरयावशय्यानिषण्णा:४७ रेया गावाच्या नस्यां निषण्णः वाशिसरि कुहरस्यपर्वत रिवरस्ययागारशय्यानवनिषण्ण निरिए: 47 For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116