Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
Publisher: 

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Page 76
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir किंभूनानि मुखानि दुःखोपाताल्पविनस्पययशपवनानर्तितचूलनानिदुःखेनोपानं उपार्जितंय दल्पमित्तंनस्यस्पयवशपवनेनासमंताद्भावेननर्निनाश्मूलनायैः स्लानि- 6. गंगेति मनुष्याय सापमान परपिंडरतापनेनाकिहिमपनः स्थानानिपलयंगतानि किंभूनानि हिमवतः स्थानाबीस्यनेयन्सुरवानिपसूममुपगनपश्रयाणांरपलानांदुःखोपानात्मवित्तस्मयन शपरनानतितधूलतानि६ गंगातरंगकणशीकरशीतलानिविद्याधरापिन चारुशिलानलान नि गंगानरंगकणशीकरशीनलानिगंगाया स्तरंगाः गंगातरंगा घां कणशीकरैः शीतलानिगंगातरंगकणशीकरशीनलानि पुनः किं भूनानि स्थानानिषि याधरा झुषितचारुशिलानलानिरियाधरैराषितानि अधिषितानि चारुणि शिलात लानि For Private and Personal Use Only

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