Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
Publisher:
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir नस्मारिन हेजनाः परियं चेननास्थनत्तस्मा ब्रह्मांछन कयंभूनंत्रमभंतरहिनं भजरंजरान पुनः किंब्रह्मपरमंरिकासियस्य पर बह्मणा: इमेभवनाधिपत्यभोगादयः भानुषंगिणोभनंवि अनुयायिनोपननेनिंभूनाः भवनाधिपत्यभोगादया कपणलोकमनारसोजनाविधमा 76 नस्पादनेनमजरंपरमंपिकंनरह्मचिंतयाकमेभिरसादिकल्पैः यस्यानुषंगिण इमेभवनाधिपत्यभोगादयारूपगलोकमताभरात 76 पातालमारिशसियासि नभोपिलध्यदिग्मंडलंधमसिपानसचापलेन पानालमिति रेमट पानालमारिशसि अन्यच्चनमः आकाशक्लिंघ्ययासि अन्यचदिग्मंडलेश्चमासिकेन मानस चापलेन मानसस्यचा लनजानु कदाचिन यांन्यानामकथनस्परासियेन ब्रह्मणानिति मेषिमुदिमामीपि किं For Private and Personal Use Only

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