Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
Publisher:
View full book text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir आशानदीरागवाहरनीस्नेहयाहयुक्ता अन्यापियानदीयाहजलचरजीववतीभवनि पुनः कि आशानदीवितर्कविहगापिनोमिनारम एवाविहगाःपासणोयस्यां सानयामाप विह गाभयनि अस्यामपितथैव पुनः किं आशानदीपोझचनसुदुसरामोहस्यारत्तों योहार ननसहुसराअन्यापिनी आवर्नेः दुस्तराभवनि पुनः किं आशानरीभानगहना अ मोहापर्नसटुस्नरानिगहनापोत्तुंगचिंतात्तदीनस्या पारगत्तापिशुहमनसो नंदनियोगीश्वराः 45 नीचगहनं यस्यां अन्यापि नदी भनिगहनापुनःकि भूना आ शानरीधैर्यद्रुमधंसिनीथैर्यटुमस्यध्वंसोऽस्यास्नीनिधैर्यपधसिपीअन्यापिनरामपंसिनी / भवानिपुनःकि मोत्तुंगचिनाएवनरोयस्याः सा अन्यापिनीनरिनामोच्यने तस्यानयाः पारंगा / For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116