Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir भः शिरइति शार्वमहेशशिरः स्वर्गादयोवर्ननेपतनिशिरस्तःमहेश्वरमस्तकान् अधः सितिधरं | जानाहिउत्तुंगार्शिदात अपानमधोजानीहि अपनेमापिजलधिसमुद्रं अधोजानीहि लोकं गंगेयंपदं अधोधः उपगंना अथपारिनेकाशनांपाणिनांधिनिपानः शनसुखोभगति र 4 शिरशार्वस्वर्गास्यशपतिशिरस्ताक्षिनिधरंमहींपादत्तुंगादयनिमयनेश्वापि जलधिम अधोगंगासेयंपदमुपगतास्तोकमथवाविवेकानांभवानिधि निपातःशनमुखः 44 आशानामनदीमनोरथजलातृष्णातरंगाकुलाराग ग्राहवतीवितर्कविहगाधैर्यदुमवासना आशेति नामेति संबोधने आशानरी|| || 22 | आम्मिकि आशानरीमनोरथाएनजलानियस्यांसापुनः किंभूता तृष्णा नरंगाकुला पुनारिं| For Private and Personal Use Only

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