Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
Publisher: 

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Page 64
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir हत्तैःकिकत्वामहनियामेथापनेकपालीक' आदायराहावाकथंभूतांकपाली सिनपटउन्नपाली सिनपटेनश्वेनवरूनेणउन्नाआच्छादिनापानीयस्याः सातां किं भूतेयामेयाचनेपुण्येपानोकिंभू संहारंन्यायगर्भहिजमुरबहुत भुक भूमधूम्मोपकं न्यायगर्भणन्यायशारूपविनेनदिज सुरखेन। हारंहारं मनो वरमुदरदरीपूरणायसवात्तोमानीपाणीसधन्योनपुनरनुदि नंतुल्यकुल्येषुदीनः 55 चांडाला किमयादिजानिरथवाभूद्रोथर्किनापसा चानत्त्वानिशपेशलमनियोगीश्वरस्कोपिकिम् नमन भातरमसमास धुमस्तेनच्या उपकंटयसनन्५५ चांगले नि भन्नएनयोगिनः पधियागेजनेः एवंभाव्य याणा: नकुडायास्यति नैवतुएमनसोयास्यनिकिंभूनैः जनैः इत्यनेनप्रकारेण उत्पन्न विकल्प / For Private and Personal Use Only

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