Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
Publisher: 

View full book text
Previous | Next

Page 65
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir भ- जल्पमुखरैः इतिक्रि भयकि नांडालः यायचाहिजोबाह्मणाः अथवाभूद्रः अथाकिनापसः या यवायोगीश्वरः किंवनोयोगीश्वरः तत्वनिवेशपेशलपानः नवनिवेशे पेशलामनी सामनिर्पस्पा सौएवंविधानिर्विकल्पासएपधन्याः 56 सपेनि हेस हे मित्रतएवधन्याः ये एवंप्रकारेण इत्युत्पन्न विकल्पजल्पमुखरैःसंभाव्यमाणाजनैकुदा पथिनैवतुष्टमनसो यांतिस्पर्ययोगिनः५६ संरधन्याकेचिन्त्रुटितभरबंधव्यनिकरावनांने चिलांनर्विषमविषयाशीविषगनाः सनियंने किंभूनास्ने सुरुननयानक शरणा: सकतानांचयः सरूनचयाश्चत्तेएफशरणंयेषांनेसुरूनचयनिकशरणाः पुनः किंभूनाः || 28 रितभवबंधन्यनिकराः रिनोभनबंधस्यव्यतिकरोयेषांनेचनांनेचनमध्ये नित्तांतपिपरिष For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116