Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
Publisher:
View full book text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir भिसेनि हाहा इनिखेदे विषयालयापिनपरित्यजंतिकारक्समीपंन संचनि नयापानिक भिसाशनंतदपिनीरसंरसरहिनंनदप्येकवारंचान्यच्छय्याचभः अन्यच्चपरिजनोनिजदेहमानं चान्यत् वजीर्णशनखंडमपिमलीनकंथातयापि विषयादुराशयाचिपोप मायांतिमाणि विषयानांमधिकारमाह. भिक्षाशनंतदपिनारसमेकवारंशय्याचभूपरि जनोनिजदेहमात्रम् वरुनचजीर्णशतखंडमलीनकथाहाहातथापिविषया नपरित्यजति 19 रुपनिरस्कारमाह सनौमांसयंथीकनककलशावित्युप मिती मुरपश्लेषागारतदपिचशंशाकेनतुलिनम नाम 19 सपनामिनि हो || 11 || ||इनि दुःखे नियंरूपं कपिजन विशेषैर्गुरु रुतं कथंनिय ननौ मांसपेयीपर पित्युपमितौउप || For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116