Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
Publisher:
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir रावयमपि एकांननो निस्पृहाच महेलय्यनादरात्तपिरिषये अनादरा: 24 अभुक्तनिजामूराः विषादेकज्येपत्युनसन्सुसंमुदविदधातिकक्षिनिजांराज्ञांनस्यांक इत्थंमान्दनानिदरमुभयोरप्यावयोरंनरंययस्मारूपराङ्मुखोसियम प्येकांनतोनिःस्पृहाः२४ अभुक्तायांयस्यांक्षणमपिनयातंन्पशतैर्भुवस स्यालाक्षेकइवबहमानासनिभुजाम् नदंशस्याप्यंशेतदवयरलेशेपिपत याविषादेकर्तव्यविदधानजडाः प्रत्युतमुदम२५ र पशियाला करनमानः यस्यां पथिव्यांभभुक्तायां सत्यां नृपशतैः नरेंद्रसहस्त्रैः क्षणमपिनयानं नगर्ननर्देश स्याप्यंशेनस्याः पृथिव्याविभागस्यापिरिभागेनदयपरलेशनस्यांगस्यापिलेशेपिपनयः स्वामिनः 15 // For Private and Personal Use Only

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