Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandie भः | कनकाांकुरुतेतस्यासौपाशकौपिलोकातेअबकालः कीडकः अबरजनिदिवसावरपा || || श. शकौ इत्थंकथयनकनिरपिरहेअनेकः एकसत्रातिष्ठानि अपिपुनः यत्रएकलवरहवः यत्र बहरनबएकोपिनकालकीआयाइत्यस्वभावः 19 तपेनिजनेलीकेनारियायकिं कुर्पः कि इत्थंचेमौरजान दिवसौदोलयन्वापिचासौकालः काल्यासहबहुकला कीड निमाणसारैः 39 तपस्यनःसंतः किमधिनियसामसरनदीगुणोदान् दारानुतपरिचरामः सपिनयम् मिनिसंशयेसरनदींगंगोनिचसामः आश्रमंड HH किंचयनपस्यंतः संतः तपः कुर्वतः संनउन अथवादारान कलबाणिपरिचर्या कुर्मः कयंभूतान् दारानगुणीदान गुणोत्करान उनभयाशास्त्री पापियामः शृणुमः किं शा|| For Private and Personal Use Only

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