Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir भ राश्चतुर्दशभुवनानि जने तथास्पल्पस्वाम्ये कोयंगर्षः 22 त्वपिनि हेनरेंद्रवंराजाय | श. नमेवयमापि उपासितगुरुपज्ञाभिमानोन्ननाच महेराजेंदत्व विभः ख्यातः न भ || 2 स्माकंयशांसिमहत्त्वानिकवयः कवीश्वरादिक्षमतन्कनिदशसपिदिशासविस्तारयनि इहाहिभुवनान्यन्येधाराश्चतुर्दशभुजतेकतिपय पुरुस्वाम्येसांकएष मंदज्वरः 22 निस्पृहाणामधिकॉराह राजावयमप्युपासितगुरु पज्ञाभिमानोन्ननाः रव्यातस्त्वविभवैर्यशांसिकवयोदिकपतन्यतिनः हे मानद मानंददानानिमानदः दोभरग्डनेइतिधातुः हेमानद हे मानखंडनावयास 11 भयोरपिअनरंनानिदूरे हेराजेंदयादिचत्वं भस्मास पराउ-मुखोसि अनादरी : मिन For Private and Personal Use Only

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