Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
Publisher:
View full book text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandie रूपामादरांपीखाजगदमनशीलंउन्यजभूनकर्नयाच्यविचारभून्यंजानपितिशेषः / आनिदानमुखेः पुर्युकापत्नीकदंबरानभवेद्देहिनोगेहीदेहीतीहकथंचदेन् / पुत्रादिसंय होषियोकिनामपिटुःरपदइत्याहदानोनितीनेभ्योप्यनिरीनानिमुखापियेषांतैः शिझकैर्चालेरा रुएंजार्णमंबरंचरनंयस्याः माकथंचनैः कोशाहिरनार्थसदादिरन्यैश्रग्रहनरैः क्षापिनधि 'दीनादीनसुरतैः सदैपशिशकैरामजीर्णाचराक्रोशादिः क्षाधिनैर्नरैर्न विधुरादृश्यतचंगहना रानिपचनाएनाहशीगेहनीभार्यानेनुयदिनदृश्येनमन सिमाजनेनेनिशेषः यायाभंगभयेनयाचादेशानिमार्थनानस्याभंगीनाशः नारयामानि दरातुर्यास्येननद्येनगद्गदं सवायंगरून् पनपदनोचनीकात्रुधनहारस्थाभिमाया धन्य For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116